गोपालगंज : वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गोपालगंज में बाढ़ का कहर जारी है. गुरुवार की सुबह गोपालगंज-बेतिया महासेतु के आगे एप्रोच पथ में दरार देखने को मिली. धीरे-धीरे यह एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया. माइनर ब्रिज के पास दोनों तरफ करीब 20-20 मीटर तक एप्रोच सड़क पानी के तेज धार में बह गया. एप्रोच पथ के ध्वस्त होने से गोपालगंज-बेतिया पथ पर परिचालन पूरी तरह से ठप हो गया है. यह दूसरी महासेतु है, जिसका एप्रोच पथ पानी के दबाव से ध्वस्त हुआ है. इससे पहले 15 जुलाई को सत्तरघाट महासेतु का एप्रोच पथ टूट गया था.
एप्रोच पथ टूटने के बाद पुल निगम के उप मुख्य अभियंता शाकिर अली, जिलाधिकारी अरशद अजीज और एसपी मनोज कुमार तिवारी मौके पर पहुंचे और एप्रोच पथ का निरीक्षण किया. अधिकारियों ने एप्रोच पथ पर जेसीबी से बचाव कार्य शुरू कर दिया है. पुल निगम के अभियंताओं की टीम भी मौके पर पहुंच कर कैंप कर रही है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस महासेतु परियोजना का उद्घाटन 13 मार्च, 2016 को किया था. करीब 548 करोड़ रुपये की लागत से वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इस महासेतु के दोनों ओर 16 किमी का एप्रोच रोड बनाया था. महासेतु के बनने से बेतिया और मोतिहारी की दूरी 85 किमी कम हो गयी थी. गोपालगंज की ओर से करीब पौने तीन किलोमीटर और बेतिया की ओर से साढ़े 11 किलोमीटर एप्रोच पथ बनाया गया है. बिहार राज्य पुल निर्माण के अधिकारी ने बताया कि एप्रोच पथ पर युद्धस्तर से काम किया जा रहा है. माइनर ब्रिज के दोनों तरफ सड़क ध्वस्त होने से परेशानी हुई है.
बिहार राज्य पुल निगम के उप मुख्य अभियंता शाकिर अली ने कहा कि गोपालगंज-बेतिया का मुख्य पथ है. गंडक नदी पर मुख्य सेतु के एप्रोच पथ पर बनाये गये माइनर ब्रिज के पास एक तरफ एप्रोच पथ धंसा, तो दुरुस्त कर दिया गया, तब तक दूसरी तरफ भी सड़क ध्वस्त हो गयी, जिस पर बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है.
कटाव स्थल पर पहुंचे जिलाधिकारी अरशद अजीज ने कहा कि बुधवार से ही यहां रिसाव शुरू हुआ था. उसी समय से राज्य पुल निगम की टीम बचाने में लगी थी, लेकिन माइनर ब्रिज के अंदर से पानी का कटाव शुरू हो गया. एप्रोच पथ का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. जल्द ही यातायात बहाल कर दिया जायेगा.
गोपालगंज से गोविंद कुमार की रिपोर्ट
Posted By : Kaushal Kishor