UP के नोएडा- गाजियाबाद में AQI फिर पहुंचा 350 के पार, जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल, आपके शहर का है ये हाल
यूपी में दिवाली से पहले बारिश और बूंदाबादी से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में काफी कमी आई थी. यहां के लोगों को जहरीली हवा से राहत मिली. दिवाली के बाद से नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, लखनऊ, मेरठ, मिर्जापुर, और बरेली समेत यूपी के दो दर्जन से अधिक शहरों का AQI बढ़ गया है.
बरेली : यूपी में दिवाली से पहले बारिश, और बूंदाबादी से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में काफी कमी आई थी. यहां के लोगों को जहरीली हवा से राहत मिली.मगर, दिवाली के बाद से नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, लखनऊ, मेरठ, मिर्जापुर, और बरेली समेत यूपी के दो दर्जन से अधिक शहरों का AQI बढ़ गया है.यह कम नहीं हो रहा है.नोएडा, और गाजियाबाद का AQI 300 के नीचे नहीं आ रहा है.शुक्रवार सुबह नोएडा का AQI 352 था.जिसके चलते नोएडा दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में 7 वें स्थान पर हैं. 34 वें स्थान पर गाजियाबाद है. यहां का AQI भी 350 से अधिक चल रहा है.36 वें स्थान पर इलाहाबाद का AQI 292,48 वें स्थान पर कानपुर का 288, 62 स्थान पर यूपी की राजधानी लखनऊ का 250, 65 वें स्थान पर फैजाबाद का 245, 66 वें स्थान पर वाराणसी का 243, 67 वें स्थान पर जौनपुर का 242, 75 वें स्थान पर 223, 76 वें स्थान पर मिर्जापुर का 222, 81 वें स्थान पर मेरठ का 209, 87 वें स्थान पर बुलंद शहर का 197, 94 वें स्थान पर हापुड़ का 187 है.इसके साथ ही बरेली का AQI बेहद खराब स्थिति में है.बरेली का AQi शुक्रवार सुबह 5 बजे 194 था.मगर, सुबह 9.40 बजे 94 आ गया था.यहां के सिविल लाइंस का 89, राजेंद्र नगर का AQI 95,और सुभाष नगर का AQI 98 था.हालांकि,अगले 24 घंटे में AQI और बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
देहात में भी बिगड़ने लगे हालात
बरेली शहर के साथ ही देहात के इलाकों में भी AQI खराब स्थिति में आने लगा है.देहात की आंवला, बहेड़ी, फरीदपुर, नवाबगंज, शेरगढ़, शीशगढ़ का भी AQI 200 के करीब आ गया है, जो चिंतनीय है.शहर के अपेक्षा देहात की आबोहवा सही रहती थी.मगर, अब देहात की आबोहवा भी बिगड़ने लगी है.यह काफी चिंता की बात है.
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19.5 होना चाहिए ऑक्सीजन स्तर
हर इंसान के लिए ऑक्सीजन जरूरी है.इसकी कमी से सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है.सांस लेने वाली हवा का ऑक्सीजन स्तर 19.5 प्रतिशत ऑक्सीजन होना चाहिए.इसके नीचे ऑक्सीजन जाने से नुकसान होता है.0 से 50 AQI तक ठीक होता है.इसका सेहत पर कम असर होता है.51-100 AQI भी ठीक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है.101 के बाद ठीक नहीं है.101 से 200 AQI से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है.मगर, यूपी के 50 से अधिक शहरों का AQI 200 से अधिक है.201-300 AQI काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद