किसानों के हित में कानून बना, तो सत्ता गंवाने वालों के पेट में दर्द होने लगा, सरायकेला में बोले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा

देश पर सबसे लंबे अरसे तक राज करने वाली पार्टी कांग्रेस ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार ने जब किसानों के हित में कानून बनाया, तो सत्ता से दूर हो चुके लोगों के पेट में दर्द शुरू हो गया है. वे किसानों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहे हैं. ये बातें केंद्रीय मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने सरायकेला के टाउन हॉल में आयोजित किसान पंचायत में कहीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2020 7:17 PM

सरायकेला (प्रताप मिश्रा) : देश पर सबसे लंबे अरसे तक राज करने वाली पार्टी कांग्रेस ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार ने जब किसानों के हित में कानून बनाया, तो सत्ता से दूर हो चुके लोगों के पेट में दर्द शुरू हो गया है. वे किसानों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहे हैं. ये बातें केंद्रीय मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने सरायकेला के टाउन हॉल में आयोजित किसान पंचायत में कहीं.

यहां भाजपा के प्रमंडल स्तरीय किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री मुंडा ने कांग्रेस का नाम लिये बैगर कहा कि सत्ता से दूर बैठे लोगों को किसान हित में बना कानून रास नहीं आ रहा. उन्हें राष्ट्र की चिंता नहीं है. वे सिर्फ अपने राजनीतिक हित साधने की कोशिशों में जुटे हैं. यही वजह है कि ये लोग जनता को बरगला रहे हैं.

श्री मुंडा ने कहा कि देश ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को पूरा करने में जुटा है, किसानों को अवसर कैसे मिले, उनकी आय दोगुनी कैसे हो, किसान अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचा सकें, इसके प्रयास हो रहे हैं. इसलिए क्रांतिकारी कृषि कानून बनाये गये. जब से किसानों के हित में सरकार ने कानून बनाये हैं, कांग्रेस को छटपटाहट हो रही है. किसानों के नाम पर आंदोलन कर यह पार्टी अपना राजनीतिक स्वार्थ साधने में जुटी है.

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अर्जुन मुंडा ने किसानों के लिए बने कानून के बारे में विस्तार से लोगों को बताया. कहा कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा ‘देश का किसान हमारी शान’ का नारा बुलंद करते हुए किसानों के हित में कानून बनाया गया है. इसमें किसानों को केंद्रित किया गया है. साथ ही उनके अधिकारों को सुरक्षित किया गया है. किसान उत्पादक हैं, खेत के मालिक हैं. इस कानून में उन्हें आजादी दी गयी है कि वे अपने उत्पाद को वहां बेच सकें, जहां उन्हें ज्यादा कीमत मिले.

श्री मुंडा ने कहा कि किसानों के पास जमीन होने के बावजूद वे शहरों में मजदूरी करने जाते हैं. उन्हें डर है कि उत्पादन करने के बावजूद उनकी वस्तुओं को बाजार नहीं मिलेगा. इसलिए लोग खेती करने से कतराने लगे हैं. नये कानून के माध्यम से वैसे किसानों को खेती के लिए प्रेरित करना है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 85 प्रतिशत छोटे किसान हैं. जब ये संगठित होकर खेती करेंगे, तो उपज भी बढ़ेगी और उनके अनाज को बड़ा बाजार भी मिलेगा.

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Posted By : Mithilesh Jha

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