केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने वीर जवानों और वीर नारियों के जज्बात और देश भक्ति की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सेना के उत्थान के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी (सेवानिवृत्त), पूर्व सदस्य सशस्त्र बल न्यायाधिकरण, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ साउथ वेस्टर्न कमांड और महार रेजिमेंट के कर्नल समेत पूर्व सैनिकों और 1750 से अधिक प्रतिनिधित्व करते जवान उपस्थित थे. इसके साथ ही अन्य दिग्गजों ने इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. इस कार्यक्रम में ब्रह्मास्त्र कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इस आयोजन के लिए मुख्य रूप से वरिष्ठतम सेवारत अधिकारी उपस्थित थे.
पानागढ़ मिलिट्री स्टेशन में वेटरन्स डे समारोह की शुरुआत ब्रह्मास्त्र युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह के साथ की गई. इसके बाद वेटरन्स रैली हुई. PCDA (पेंशन), भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों के निदेशालय (DIAV), महानिदेशालय पुनर्वास (DGR), रिकॉर्ड कार्यालयों (इन्फैंट्री, आर्टिलरी, सिग्नल, EME, ASC, AOC, AMC, इंजीनियर और नौसेना), पूर्व सैनिकों के अंशदायी स्वास्थ्य के स्टॉल योजना (ईसीएचएस) के साथ-साथ कई विशेषज्ञों के साथ एक चिकित्सा शिविर वेटरन्स डे रैली के स्थान पर चिकित्सा, सर्जिकल, ऑर्थो, प्रसूति एवं स्त्री रोग, नेत्र, ईएनटी (कान, नाक और गला), दंत चिकित्सा आदि सहित सुविधाएं, पूर्व सैनिकों की जरूरतों को पूरा करने वाली बैंकिंग और सीएसडी सुविधाएं स्थापित की गई.
कार्यक्रम के दौरान सेना के पंजाब, मद्रास और गोरखा रेजीमेंट के साथ अन्य संस्थाओं के युवक-युवतियों ने क्षेत्रीय नृत्य, कलारीपयट्टू और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया. इसके साथ ही संयुक्त सैन्य बैंड प्रदर्शन सहित कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के बीरभूम, बांकुरा और पूर्व और पश्चिम बर्दवान जिलों में ब्रह्मास्त्र कोर की विशेष रूप से गठित सतत मिलाप टीमों द्वारा आउटरीच अभियान के हिस्से के रूप में, 4500 से अधिक पूर्व सैनिकों, वीर नारियों आदि सेना के विशिष्ट पूर्व जवान मौजूद थे.
इनकी किसी भी शिकायत या आवश्यक सहायता के लिए यहां शिविर का आयोजन किया गया था. इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण ने अपने भाषण में कहा कि आज भारतीय सेना देश के लोगों और देश की रक्षा में तत्पर है. हम इस संस्था को एक परिवार की तरह देखते हैं. इससे एक बार जुड़ने के बाद यह हमेशा आप का ख्याल रखती है. सेना के जवान देश की रक्षा में कठिन परिस्थिति में भी तत्पर हैं, तभी आज देश सुरक्षित हैं. किसी तरह की प्राकृतिक आपदाओं में सेना के जवान डटकर मौजूद रहते हैं. जोशीमठ मामले में सेना पूरी तत्परता के साथ लगी हुई है.
बताया जाता है कि आज भारतीय सशस्त्र बल द्वारा सातवां भारतीय सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस मनाया गया. इस दिन कार्यक्रम की शुरुआत अमर जवान पर शहीदों को याद कर शुरू की गयी. बताया जाता है की इस दिन को भारतीय सशस्त्र बलों के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा, ओबीई द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की मान्यता के रूप में चुना गया था, जो इस दिन सेवानिवृत्त हुए थे.
1953 के दिन हमारे बहादुर दिलों के निकटतम परिजनों (एनओके) और हमारे दिग्गजों के प्रति उनकी निस्वार्थ कर्तव्य और बलिदान के प्रति हमारी एकजुटता को चिह्नित करने के लिए विभिन्न सैन्य स्टेशनों में ‘पुष्पांजलि समारोह और दिग्गजों की बैठकें’ आयोजित की गई थीं. इस दिन उपस्थित मंत्री और लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण ने 13 वीर नारियों और जवानों को सम्मानित किया. कर्नल कपिल वासनी (मेधा) ने भी सम्मानित किया.