Jharkhand news: कोडरमा के जलवाबाद में रामनवमी जुलूस के दौरान हुए विवाद का मामला थमता नहीं दिख रहा है. इस विवाद के बाद विसर्जन जुलूस में एक आपत्तिजनक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल करने सहित अन्य आरोप में पुलिस ने बुधवार की रात से लेकर गुरुवार सुबह तक 28 युवकों को गिरफ्तार किया. इसी गिरफ्तारी के विरोध में महिलाएं आक्रोशित हो गई. महिलाओं ने पहले स्थानीय परिसदन में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी से मुलाकात कर अपनी बात रखी, वहीं बाद में कोडरमा बाजार पहुंच पुलिस प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया. हालांकि, पुलिस की हस्तक्षेप के बाद महिलाएं वहां से कोडरमा थाना पहुंची और निर्दोषों को अविलंब रिहा करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
कैंप किये एडीजी, आईजी और डीआईजी
मामले की जानकारी मिलते ही एसडीओ मनीष कुमार थाना पहुंचे और आक्रोशित महिलाओं को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके बावजूद महिलाएं दिनभर थाना का चक्कर लगाते दिखी. इधर, उत्पन्न विवाद के बाद मामले की जानकारी लेने खुद एडीजी संजय ए लाटकर, आईजी असीम विक्रांत मिंज एवं डीआईजी नरेंद्र कुमार कोडरमा में कैंप किये रहे. अधिकारी बुधवार की रात ही कोडरमा पहुंचे थे.
18 नामजद समेत अज्ञात 200 पर दर्ज हुआ केस
इससे पहले प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक पक्ष के विरुद्ध आपत्तिजनक नारे लगाए जाने के मामले को लेकर कोडरमा थाना में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक इसराफिल के आवेदन पर विभिन्न धाराओं के तहत कांड संख्या 91/22 में 18 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है, जबकि 150-200 अज्ञात पर मामला दर्ज किया गया है. दर्ज मामले में धीरज कुमार, प्रशांत कुमार, रॉकी कुमार तीनों शिव मोहल्ला, रितिक कुमार अकबरपुर नवादा, अमन कुमार बजरंग नगर, राजा राम, अनिकेत साव, छोटू खटीक, विक्कू ठाकुर, धर्मवीर भारती, टिंकू कुमार, कृष्णा शाही, अजय पांडेय, विकास कुमार, विजय शाही, नीरज सिन्हा और राजेश कुमार को आरोपी बनाया गया है. इसमें से पुलिस ने गुरुवार को भारी विरोध के बाद कृष्णा शाही, विजय शाही, अजय पांडेय और विकास कुमार को पीआर बांड पर छोड़ दिया, जबकि अन्य को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
बिना महिला पुलिस के देर रात घर में घुसने का आरोप
प्रतिमा जुलूस में एक पक्ष के विरुद्ध आपत्तिजनक नारे के खिलाफ पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए युवकों के परिजन भीषण गर्मी में दिनभर गुहार लगाते रहे, मगर कोई सफलता नहीं मिली. सांसद सह केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री से मिलने के लिए महिलाएं स्थानीय परिसदन पहुंची और उचित कार्रवाई की मांग की. महिलाओं ने कहा कि उनके बच्चे बेकुसूर हैं. कहा कि अगर कुछ गलती भी किये हैं, तो उन्हें सुधरने का एक अवसर दिया जाए. वहीं, कुछ महिलाओं ने अपने बच्चों को बेकसूर बताते हुए कहा कि जुलूस में उनके बच्चे नहीं थे. पुलिस ज्यादती कर रही है. महिलाओं ने पुलिस पर एक तरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस देर रात को उनके घर पहुंची और बिना महिला पुलिस के उनके घरों में घुसकर बच्चों को गिरफ्तार किया.
महिलाओं ने लगायी गुहार
वहीं, कुछ महिलाओं ने कहा कि उनके बच्चे मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थी हैं. जेल जाने से उनका कैरियर खराब हो जाएगा. एक महिला ने कहा कि उसके बेटे की शादी 21 अप्रैल को है. इस पर अन्नपूर्णा देवी ने सबको धैर्य रखने और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया. मंत्री ने कहा कि पुलिस के उच्च अधिकारियों से बात हुई है, जो निर्दोष है उन्हें अविलंब रिहा किया जाएगा़
एडीजी और आईजी से मिली मंत्री, मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी परिसदन पहुंची और एडीजी संजय ए लाटकर, आईजी असीम विक्रांत मिंज और डीआईजी नरेंद्र कुमार से मिली और पूरे मामले की जानकारी देते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया. साथ ही उच्चस्तरीय कमेटी बनाकर मामले की जांच की मांग की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा एकतरफा कार्रवाई की जा रही है. इससे गलत मैसेज जा रहा है. निर्दोष बच्चे जेल जा रहे हैं. इस पर एडीजी ने कहा कि मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है, जो निर्दोष होंगे उन्हें छोड़ दिया जाएगा.
स्थिति से अवगत हुए सीनियर अधिकारी
इधर, कोडरमा पहुंचे एडीजी संजय ए लाटकर, आईजी असीम विक्रांत मिंज और डीआईजी नरेंद्र कुमार ने गुरुवार को पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे मामले की जानकारी ली और कई आवश्यक निर्देश दिए. बैठक की जानकारी देते हुए एसपी कुमार गौरव ने कहा कि उच्च अधिकारियों को दोनों घटनाओं की जानकारी विस्तार से देते हुए अब तक की कार्रवाई से अवगत कराया गया है. एक सवाल के जवाब में एसपी ने कहा कि पुलिस द्वारा कोई एकतरफा कार्रवाई नहीं की जा रही है. रामनवमी जुलूस में व्यवधान के उपजे विवाद में पुलिस साक्ष्य के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी कर रही है. 10 अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल तक जो भी घटनाएं घटित हुई है उस मामले में दोषियों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीम बनाई गई है. कहा कि जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, डीसी आदित्य रंजन ने कहा कि जो भी कार्रवाई की जा रही है वह साक्ष्य के आधार पर हो रही है. जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. जहां तक एकपक्षीय कार्रवाई के आरोप की बात है, तो यह सरासर गलत है. प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष होकर कार्रवाई कर रहा है.
Posted By: Samir Ranjan.