पश्चिम बंगाल के 23 जिले के 292 सीटों पर विधानसभा का चुनाव संपन्न हो चुका है. चुनाव परिणाम से पहले टीवी चैनलों का एग्जिट पोल जारी हो गया है. एग्जिट पोल की मानें तो पीरजादा की पार्टी इंडियन सेकुलर फ्रंट और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को चुनाव में अधिक लाभ मिलता नहीं दिख रहा है.
एबीपी आनंदा और सी वोटर्स की सर्वे के मुताबिक पश्चिम बंगाल में सातवें और आठवें चरण के चुनाव में अन्य दलों को एक भी सीट नहीं मिलेगी. बता दें कि ओवैसी की पार्टी मालदा और मुर्शिदाबाद से चुनाव लड़ रही थी, जहां पर सातवें और आठवें चरण में मतदान हुआ था.
वहीं पीरजादा पार्टी की बात करें तो बंगाल में संयुक्त मोर्चा को सभी सर्वे में करीब-करीब 15-20 सीटें मिल रही है. हालांकि पीरजादा की पार्टी आईएसएफ के बारे में अब तक किसी भी सर्वे में कोई बात नहीं की गई है.
बता दें कि बंगाल में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी आईएसएफ 26 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बंगाल में पार्टी बनाने के बाद पीराजादा संयुक्त मोर्चा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. पीरजादा की पार्टी दक्षिण 24 परगना, बर्दवान और दिनाजपुर इलाके चुनाव लड़ रही है. पीरजादा ने चुनाव से पहले अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोला था.
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बिहार में पांच सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी बंगाल की सियासी समर में कूदने का ऐलान कर दी. ओवैसी की पार्टी ने शुरू में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया, लेकिन पीरजादा के संयुक्त मोर्चा में चले जाने से ओवैसी अकेले पड़ गए. असदुद्दीन ओवैसी ने इसके बाद मालदा और मुर्शिदाबाद के 17 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की.
बताते चलें कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम बहुल करीब 120 सीट है, जहां पर ये मुस्लिम वोटर्स द्वारा जीत और हार तय किया जाता है. पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद जिले में मुस्लिम बहुल सीट अधिक है. पिछले चुनाव में इन 120 सीटों में से टीएमसी को करीब 70 सीटे मिली थी.