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आसनसोल उपचुनाव: ‘मार के बदले मार होगा’ बयान देकर फंसी BJP उम्मीदवार अग्निमित्रा पॉल, वीडियो वायरल

Asansol bypoll 2022: 28 मार्च 2022 को पांडवेश्वर के विधायक श्री चक्रवर्ती का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वे अपने कर्मियों को निर्देश देते हुए कह रहे हैं कि कट्टर भाजपा कर्मियों को मतदान की प्रक्रिया से रोकने के लिए चमकाना (धमकाना) होगा.

Asansol bypoll 2022 : आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार सह आसनसोल साउथ की विधायक अग्निमित्रा पॉल के ‘मार के बदले मार होगा’ वाले बयान पर जिला निर्वाचन अधिकारी सह पश्चिम बर्दवान के जिलाधिकारी एस. अरुण प्रसाद ने शोकॉज जारी किया. श्रीमती पॉल के बयान को लेकर तृणमूल की ओर से चुनाव आयोग में शिकायत की गयी थी. सूत्रों के अनुसार शोकॉज का जवाब मिलने के बाद भारत चुनाव आयोग (ईसीआइ) के निर्देश पर ही आगे की जो भी कार्रवाई है वह होगी. विवादित बयान के कारण चुनाव आयोग ने पांडवेश्वर के विधायक सह तृणमूल नेता नरेन्द्रनाथ चक्रवर्ती के चुनाव प्रचार पर सात दिनों का प्रतिबंध के साथ पांडवेश्वर थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है.

क्या है पूरा मामला?

28 मार्च 2022 को पांडवेश्वर के विधायक श्री चक्रवर्ती का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वे अपने कर्मियों को निर्देश देते हुए कह रहे हैं कि कट्टर भाजपा कर्मियों को मतदान की प्रक्रिया से रोकने के लिए चमकाना (धमकाना) होगा. यह बयान सोशल मीडिया पर 28 मार्च 2022 को वायरल होते ही भाजपा उम्मीदवार अग्निमित्रा पॉल ने दूसरे ही दिन 29 मार्च की सुबह एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया. जिसमें उन्होंने कहा कि ‘हमलोग हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं, हमलोग कानून व्यवस्था को तोड़ने में विश्वास नहीं करते हैं, भाजपा नेतृत्व व माननीय प्रधानमंत्री हमलोगों को यह शिक्षा नहीं दिये हैं यदि कोई सोच रहा है कि भाजपा कर्मियों को डराया जायेगा और मारपीट किया जायेगा तो आपको बता देती हूं कि ‘मार के बदले मार होगा’.

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इस बयान को लेकर तृणमूल ने गुरुवार को चुनाव आयोग में शिकायत की. राज्य के कानून मंत्री मलय घटक ने ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भाजपा उम्मीदवार होने के नाते कानून व व्यवस्था को अपने हाथों के लेने का अधिकार नहीं है. आसनसोल के लोगों ने तृणमूल को जनादेश देने का निर्णय पहले ही ले लिया है. इसलिए हिंसा को बढ़ावा न दें. ईसीआइ स्वीप में अग्निमित्रा पाल के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करता हूं क्योकि दोहरा मानक लागू नहीं किया जा सकता है. सनद रहे कि तृणमूल विधायक श्री चक्रवर्ती के विवादित बयान के खिलाफ ईसीआइ के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज हुई है और 30 मार्च से छह अप्रैल तक उनके चुनाव प्रचार करने पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगा दिया गया.

तृणमूल विधायक ने क्या दिया बयान, जिसपर मचा है बवाल

पांडवेश्वर के विधायक श्री चक्रवर्ती का 41 सेकेंड के वायरल वीडियो में वे अपने कर्मियों को निर्देश दे रहे थे कि ‘जो कट्टर भाजपा हैं, जिसको हिलाया नहीं जा सकता, उनलोगों को चमकाना (धमकाना) होगा. उन्हें कहना होगा कि आप यदि वोट देने जा रहे हैं तो हमलोग समझ लेंगे कि आपने भाजपा को वोट दिया है. वोट के बाद आप कहां रहेंगे? यह आपका अपना रिस्क होगा. यदि वोट देने नहीं जाते हैं तो हमलोग समझेंगे कि आपने हमलोगों का समर्थन किया है. आप ठीक से रहिये, नौकरी कीजिये, व्यवसाय कीजिये, हमलोग आपके साथ में हैं’. वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने जो पहला बयान दिया उसमें कहा कि वायरल-फायरल नहीं समझते हैं. देखे नहीं हैं क्या है? खबर लेना पड़ेगा. पुराना हो सकता है. उस दौरान जो जिला अध्यक्ष थे, अभी भाजपा के नेता है. उस समय वह सब निर्देश देते थे. हमलोग नीचे स्तर के कर्मी थे उसी आधार पर कार्य करते थे. बाद में वे बयान से पलट गये और इस वीडियो को फेक और फेब्रिकेटेड बता दिया. जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी शोकॉज में भी उन्होंने इसी बात को अपने जवाब में लिखा.

रिपोर्ट-शिवशंकर ठाकुर

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