Ashada 2023 Month Start Date: इस दिन से शुरू हो रहा है आषाढ़ का महीना, जानिए 10 खास बातें
Ashada 2023 Month Start Date: आषाढ़ मास का आरंभ 5 जून 2023 से हो रहा है. ज्येष्ठ माह की भीषण गर्मी झेलने के बाद आषाढ़ माह में बरसात से राहत मिलती है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस माह को सभी देवी देवताओं के विश्राम का माह माना जाता है. जानिए आषाढ़ मास कब से हो रहा है शुरू और इसका महत्व.
Ashada 2023 Month Start Date: हिंदू कैलेंडर के अनुसार चौथा मास आषाढ़ मास होता है जिसका विशेष महत्व होता है. इस मास में भगवान सूर्य के साथ मंगल की पूजा करने का विधान है. ज्येष्ठ माह की भीषण गर्मी झेलने के बाद आषाढ़ माह में बरसात से राहत मिलती है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस माह को सभी देवी देवताओं के विश्राम का माह माना जाता है. जानिए आषाढ़ मास कब से हो रहा है शुरू और इसका महत्व.
आषाढ़ मास कब से हो रहा है शुरू?
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि समाप्त होने के साथ आषाढ़ मास आरंभ हो जाएगा. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 4 जून को सुबह 9 बजकर 11 मिनट से आरंभ होकर 5 जून सुबह 6 बजकर 39 मिनट से है. ऐसे में आषाढ़ मास का आरंभ 5 जून 2023 से हो रहा है. इसके साथ ही समापन गुरु पूर्णिमा को 3 जुलाई 2023 को समाप्त हो जाएगा.
आषाढ़ मास की 10 खास बातें
1. किसानों का माह
आषाढ़ माह से ही वर्षा ऋतु की विधिवत शुरुआत मानी जाती है. कृषि के लिए ये मास बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है.
2. स्वच्छ जल ही पिएं
आषाढ़ माह में पौराणिक मान्यता के अनुसार इस माह में जल में जंतुओं की उत्पत्ति बढ़ जाती है अत: इस माह में जल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
3. सेहत का रखें ध्यान
आषाढ़ माह में पाचन क्रिया भी मंद पड़ जाती है अत: इस मास में सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस मास ही नहीं बल्की अगले तीन माह तक सेहत का ध्यान रखना चाहिए. इस महीने में जल युक्त फल खाने चाहिए. आषाढ़ में बेल बिलकुल भी न खाएं.
4. विष्णु उपासना और दान
आषाढ़ मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से पुण्य प्राप्त होता है. आषाढ़ मास के पहले दिन खड़ाऊं, छाता, नमक तथा आंवले का दान किसी ब्राह्मण को किया जाता है.
5. सो जाते हैं देव
इसी माह में देव सो जाते हैं. इसी माह में देवशयनी या हरिशयनी एकादशी होती है. इसी दिन से सभी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं.
6. चतुर्मास का माह
आषाढ़ माह से ही चतुर्मास प्रारंभ हो जाता है. चातुर्मास 4 महीने की अवधि है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है. इस अवधि में यात्राएं रोककर संत समाज एक ही स्थान पर रहकर व्रत, ध्यान और तप करते हैं.
7. कामनापूर्ति का माह
इस महीने को कामना पूर्ति का महीना भी कहा जाता है. इस माह में जो भी कामना की जाती है उसकी पूर्ति हो जाती है. आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का महान उत्सव भी मनाया जाता है.वर्ष के इसी मास में अधिकांश यज्ञ करने का प्रावधान शास्त्रों में बताया गया है.
8. गुप्त नवरात्रि का माह
वर्ष में चार नवरात्रि आती है:- माघ, चैत्र, आषाढ और अश्विन. चैत्र माह की नवरात्रि को बड़ी या बसंत नवरात्रि और अश्विन माह की नवरात्रि को छोटी या शारदीय नवरात्रि कहते हैं. दोनों के बीच 6 माह की दूरी है. बाकी बची दो आषाढ़ और माघ माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं. आषाढ़ माह में तंत्र और शक्ति उपासना के लिए ‘गुप्त नवरात्रि’ होती है.
9. मंगल और सूर्य की पूजा
इस माह में विष्णुजी के साथ ही जल देव की उपासना से धन की प्राप्ति सरल हो जाती है और मंगल एवं सूर्य की उपासना से ऊर्जा का स्तर बना रहता है. इसके अलावा देवी की उपासना भी शुभ फल देती है.
10. गुरु पूर्णिमा का महत्व
आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को बहुत ही खास माना जाता है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को ही गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है.