Ashadha Gupt Navratri 2022: आषाढ़ महीने में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 30 जून से हो रही है. प्रतिपदा की शुरुआत 29 जून को होगी. गुप्त नवरात्रि में मुख्य रूप से तांत्रिक पूजा की जाती है.गुप्त नवरात्रि का ज्यादा प्रचार नहीं होता है.गुप्त नवरात्रि में अपनी साधना को गोपनीय रखा जाता है.
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 के पहले दिन यानी 30 जून को गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, आडल योग और विडाल योग बन रहे हैं. इस दिन ध्रुव योग सुबह 09 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. पुनर्वसु नक्षत्र 01:07 ए एम, जुलाई 01 तक रहेगा. इसके अलावा पुष्य नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है.
ज्योतिष शास्त्र में इन सभी योगों को शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना गया है. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की घटस्थापना 30 जून 2022, गुरुवार को होगी. गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा तिथि 29 जून को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से 30 जून को सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगी. घटस्थापना मुहूर्त सुबह 05 बजकर 26 मिनट से सुबह 06 बजकर 43 मिनट है.
घट स्थापना एवं विधि-सुबह जल्दी स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें. फिर पूर्व दिशा में एक चैकी पर लाल वस्त्र बिछा कर मां दुर्गा की प्रतिमा को गुलाब की पत्तियों के आसन्न पर स्थापित करें. मां को लाल चुनरी पहनाएं. अब मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तक पानी का छिड़काव करें. शुभ मुहूर्त में कलश को गंगा जल से भरें, उसके मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और उस पर नारियल रखें. कलश को लाल कपड़े से लपेटकर उसके ऊपर मौली बांधें. अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास रख दें.
घी की ज्योत लगाएं. कपूर अगरबत्ती की धूप करें और भोग लगाएं. नौ दिनों तक ‘दुर्गा मंत्र ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी. दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते..’ की एक माला का जाप करें और माता के सम्मुख हाथ जोड़, उनका अपने घर में स्वागत करें व उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें.