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Asian Champions Trophy जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में मजबूत प्रदर्शन जारी रखना चाहेगा भारत

एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी 2023 में टीम इंडिया का अब तक शानदार प्रदर्शन रहा है. कल ही भारत ने पाकिस्तान को 4-0 से रौंद डाला. अब सेमीफाइनल की तैयारी है. सेमीफाइनल में भारत का सामना जापान से होगा. जापान रैंकिंग में तो भारत से काफी पीछे है लेकिन वह कभी भी गेम पलट सकता है.

चेन्नई : आत्मविश्वास से भरी भारतीय हॉकी टीम जब शुक्रवार को एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी (एसीटी) हॉकी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जापान से भिड़ेगी तो उसकी कोशिश मैच के पूरे 60 मिनट में मजबूत प्रदर्शन जारी रखने और निरंतरता बनाये रखने की होगी. इसमें कोई शक नहीं कि राउंड रॉबिन चरण में चार मैच जीतकर और एक ड्रा खेलकर अंक तालिका में शीर्ष पर रहा भारत इस मैच में प्रबल दावेदार के तौर पर शुरुआत करेगा. लेकिन भारत को जापान से सतर्क रहना होगा क्योंकि वह मेजबान के अलावा ऐसी टीम है जिसे हार का सामना नहीं करना पड़ा है. दोनों टीमों के बीच लीग चरण का मैच भी 1-1 से ड्रा रहा था.

विश्व रैंकिंग में चौथे नंबर पर है भारत, जापान 19वें नंबर पर

विश्व रैंकिंग की बात की जाए तो दोनों टीमों के बीच काफी बड़ा अंतर है जिसमें भारत चौथे और जापान 19वें स्थान पर काबिज है. लेकिन घरेलू टीम को यह नहीं भूलना चाहिए कि ढाका में 2021 चरण के सेमीफाइनल में उसे जापान से 3-5 से हार मिली थी जबकि एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के लीग चरण में उसने अपनी इसी प्रतिद्वंद्वी को 6-0 से हराया था. भारत ने अभी तक टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा (20) गोल किये हैं लेकिन जापान के खिलाफ लीग मैच में खिलाड़ियों ने गोल करने के मौके गंवा दिये थे और मेजबान को शुकवार को अपनी इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपनी खराब ‘फिनिशिंग’ में काफी सुधार करना होगा.

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भारत ने पाकिस्तान को 4-0 से रौंदा

मुख्य कोच क्रेग फुल्टन की टीम जापान के खिलाफ लीग मैच में 15 पेनल्टी कॉर्नर में से केवल एक को ही भुना सकी थी और अब उन्हें पेनल्टी कॉर्नर से गोल करने के तरीके तलाशने होंगे. बुधवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर भारत की 4-0 की जीत के बाद फुल्टन ने कहा कि उनकी टीम के लिए मैच के चारों क्वार्टर में निरंतरता बरकरार रखना अहम होगा. फुल्टन ने कहा, ‘हमने (पाकिस्तान के खिलाफ) प्रत्येक क्वार्टर में हमने अच्छी निरतंरता दिखायी जो हमने जापान के खिलाफ मैच के दौरान (चार अगस्त को 1-1 से ड्रा रहे मैच में) भी दिखायी थी. हमने जापान की तुलना में प्रत्येक क्वार्टर में सर्कल के अंदर काफी ज्यादा बार सेंध लगायी. इसलिए अब यह निरंतरता बरकरार रखने की बात होगी.’

संयम के साथ करना होगा जापान का सामना

भारत के उप कप्तान और मिडफील्डर हार्दिक सिंह भी अपने कोच से इत्तेफाक रखते हैं लेकिन उन्हें लगता है कि जापान के खिलाफ अधिक से अधिक गोल करने के लिए ‘बॉक्स’ के अंदर पहुंचकर शॉट लगाने के अलावा अधिक संयम रखने की भी जरूरत होगी. उन्होंने कहा, ‘हमें इसी लय के जारी रखने की उम्मीद है. लेकिन हमें फिर भी बॉक्स के अंदर अधिक संयम की जरूरत होगी, जो बहुत ही अहम हिस्सा है. साथ ही हमें खेल की लय भी तय करनी होगी. हम उन्हें (जापान) को शीर्ष टीम के तौर पर लेंगे.’

पाकिस्तान से बेहतर गोल प्रदर्शन के दम पर जापान सेमीफाइनल में

जहां तक जापान का संबंध है तो उसने पाकिस्तान से बेहतर गोल अंतर की बदौलत सेमीफाइनल में जगह बनायी. टूर्नामेंट में उसके प्रदर्शन की बात की जाये तो उसका प्रदर्शन इतना प्रभावी नहीं रहा क्योंकि टीम सिर्फ एक जीत (चीन के खिलाफ) ही हासिल कर पायी और एक मैच गंवा बैठी जबकि दो में उसने ड्रा खेला. भारत भले ही इस मैच में प्रबल दावेदार हो लेकिन जापान मेजबान टीम के खिलाफ अपने पहले के प्रदर्शन से प्रेरणा लेने की कोशिश करेगा. जापान ने हालांकि ‘डिफेंस’ में प्रभावित किया है, विशेषकर उनके डिफेंडरों ने जिस तरह से भारतीय फॉरवर्ड को पेनल्टी कॉर्नर के दौरान रोका, यह सराहनीय रहा. लेकिन उनकी फॉरवर्ड पंक्ति निराशाजनक रही है.

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सेमीफाइनल में मलेशिया का सामना दक्षिण कोरिया से

भारत बनाम जापान मैच से पहले दूसरे स्थान पर रहने वाली मलेशिया का सामना शुक्रवार को दूसरे सेमीफाइनल में तीसरे स्थान पर रहने वाली गत चैंपियन दक्षिण कोरिया से होगा. मलेशिया ने इस टूर्नामेंट में प्रभावित किया है, उसने चार जीत और एक हार हासिल की. मौजूदा फॉर्म को देखते हुए वह कोरिया के खिलाफ प्रबल दावेदार के तौर पर शुरुआत करेगी. कोरिया का प्रदर्शन इतना खास नहीं रहा.

भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने रिटायरमेंट पर तोड़ी चुप्पी

भारत के अनुभवी हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश एक बार में एक ही टूर्नामेंट पर ध्यान लगा रहे हैं और जहां तक उनके भविष्य का संबंध हैं तो उनका कहना है कि वह देखेंगे कि सितंबर-अक्टूबर में चीन में एशियाई खेलों के बाद चीजें किस तरह से आगे बढ़ती हैं. भारत के लिए 2006 में पदार्पण करने वाले महान गोलकीपर श्रीजेश (35 वर्ष) अब 300 अंतरराष्ट्रीय मैचों के करीब हैं. वह इस समय भारत के लिए कृष्ण बहादुर पाठक के साथ मिलकर यहां चल रही एशियाई चैंपियंस ट्राफी (एसीटी) में गोलकीपिंग की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.

एक बार में एक ही टूर्नामेंट के बारे में सोच रहा हूं : श्रीजेश

एसीटी के एक और चरण में खेलने की संभावना के बारे में सवाल पूछे जाने पर श्रीजेश ने पीटीआई से कहा, ‘इस उम्र में बेहतर यही होगा कि आप मुझसे अगले दो साल के बारे में नहीं पूछो. अब यह हमेशा अगले साल की बात होगी। मैं एशियाई खेलों में खेलूंगा और इसके बाद ही देखूंगा कि चीजें किस तरह आगे बढ़ती हैं. मैं एक बार में सिर्फ एक ही टूर्नामेंट के बारे में सोच रहा हूं.’ एसीटी दो साल में खेला जाने वाला टूर्नामेंट है लेकिन अभी अगले चरण के स्थल और तारीख की घोषणा नहीं हुई है. भारत ने बुधवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 4-0 से शिकस्त दी, इसके बाद श्रीजेश ने कहा, ‘जैसा कि नोवाक जोकोविच नें कहा है, ‘35 साल नया 25 साल है.’ इसलिये मैं निश्चित रूप से इसमें ही हूं.’

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