सरनाडीह में काफी समय से एक फॉरेस्ट रेस्ट हाउस था, जो विभागीय कार्यों में इस्तेमाल होता था. समय के साथ यह भवन काफी जर्जर हो गया था. पलामू टाइगर रिज़र्व के दक्षिणी प्रमंडल के उपनिदेशक मुकेश कुमार की देखरेख में इसे नया लुक दिया गया. इसके साथ ही इसमें पर्यटकों को रहने की अनुमति दी गयी. हालांकि इसकी बुकिंग के लिए कुछ विशेष शर्तें लागू की गयी हैं जो पर्यटक और जैव विविधता दोनों के हित में है. इसकी बुकिंग फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के मेदिनीनगर स्थित ऑफिस से कराई जा सकती है. यहां दो कमरे हैं. इसका किराया 1300 रुपये प्रति रात है (मेंटेनेंस चार्ज अलग से). यहां रात बिताने के लिए अधिक सुविधा की उम्मीद मत रखिये. साफ़ कमरे व बिछावन, साफ़ बाथरूम तो है पर इससे अधिक सुविधाएं यहां नहीं मिलेंगी. यहां रात बिताने के लिए आपको खुद से भी इमरजेंसी लाइट साथ लाना चाहिए . मोबाइल चार्ज के लिए पावर बैंक भी साथ रखें क्योंकि यहां सोलर पर ही काफी कुछ निर्भर है. भोजन के लिए कच्चा रसद लेकर देने से यहां के कुक आपको भोजन बना कर खिला देंगे.
इस फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के सामने कल-कल बहती बूढ़ा और अक्सी नदी का संगम स्थल बेहद खूबसूरत है, जो प्रकृति से मोहब्बत का पैगाम देता है. इस नदी तट पर गुनगुनी धूप में घंटों सोये रहने का अलग आनंद है. बरसात के अलावा अन्य समय पानी का बहाव काफी कम होता है. इसलिए नहाने का भी आनंद लिया जा सकता है.
सरनाडीह में कई प्रजाति के पक्षी मंडराते मिल जाते हैं, जो पर्यटक और फोटोग्राफरों के लिए आकर्षण का केंद्र है. इसके अलावा भिन्न-भिन्न रंग-रूप वाले पक्षियों का अनोखा संसार आम पर्यटकों को आकर्षित करता है. यहां पक्षियों को देखने का आनन्द लेने के लिए दूरबीन साथ लाएं, तो बेहतर होगा.
पलामू के प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से इसकी दूरी करीब 90 किमी है. मेदिनीनगर से बेतला होते हुए महुआडांड़ सड़क मार्ग से यहां पहुंचा जा सकता है. मुख्य सड़क से अंदर जाने पर सरनाडीह गांव पार कर फॉरेस्ट रेस्ट हाउस पंहुचा जा सकता है. मुख्य सड़क से सरनाडीह रेस्ट हाउस तक जाने का रास्ता काफी खूबसूरत है. लाल मिट्टी के कच्चे रास्ते बेहद खूबसूरत दिखते हैं.
यहां रतजगा करने पर भेड़ियों को देख पाने की संभावना है. वन विभाग के अनुसार पूरे भेड़िया आश्रयणी में सबसे अधिक भेड़िए सरनाडीह में ही पाये जाते हैं.
फॉरेस्ट रेस्ट हाउस आने-जाने के क्रम में आप सरनाडीह गांव का भी भ्रमण कर सकते हैं. साफ-सुथरा इस गांव की जनता भी काफी मिलनसार है. पहाड़ और पठार के बैकग्राउंड वाले इस गांव की जीवन शैली फोटोग्राफरों के लिए आकर्षण का केंद्र है.
रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, पलामू