Assembly Election 2023: EVM से कैसे होती है मतगणना? जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब

Assembly Election Result Voting Education - चुनाव के बाद वोटों की गिनती कैसे होती है? ईवीएम में डाले गए वोट कैसे गिने जाते हैं. हम आपको बताएंगे वोटों की गिनती से जुड़े हर सवाल का जवाब-

By Rajeev Kumar | December 3, 2023 6:46 AM

Assembly Election 2023 News : मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं. अब नतीजों का इंतजार है. इसके लिए पांचों राज्यों के लिए मतगणना 3 दिसंबर को होगी. वोटिंग के बाद सभी राज्यों के एग्जिट पोल भी आ चुके हैं. एग्जिट पोल्स में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पार्टियां बढ़त बनाती दिख रही हैं. कहीं एग्जिट पोल्स पर भरोसा करके आगे चल रही पार्टियां अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, तो दूसरी ओर एग्जिट पोल में पीछे रह गयी पार्टियां 2018 के समय को याद कर अपनी जीत की उम्मीद बांधे हैं. इस बीच मतगणना को लेकर आपके भी मन में कई तरह के सवाल होंगे. क्या आप भी यह जानना चाहते हैं कि चुनाव के बाद वोटों की गिनती कैसे होती है? ईवीएम में डाले गए वोट कैसे गिने जाते हैं? हम आपको बताएंगे वोटों की गिनती से जुड़े हर सवाल का जवाब-

मतगणना यानी वोटों की गिनती कैसे होती है?

मतगणना यानी वोटों की गिनती पोस्टल बैलट (PB) और इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट (ETPB) की गिनती से शुरू होती है. ये वोट रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की निगरानी में गिने जाते हैं. पोस्टल बैलट (PB) और इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट (ETPB) की गणना शुरू होने के आधे घंटे बाद ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) में डाले गए वोटों की गिनती शुरू हो सकती है. चाहे पोस्टल बैलट की गिनती पूरी नहीं हुई हो या नहीं. वोटों की गिनती के समय आपने सुना होगा कि एक राउंड, दो राउंड और तीन राउंड की गिनती पूरी हो गई. आपको बता दें कि राउंड से मतलब 14 ईवीएम में डाले गए वोट की गिनती से होता है. जब 14 ईवीएम में डाले गए वोट गिन लिये जाते हैं, तो उसे एक राउंड माना जाता है.

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कहां होती है वोटों की गिनती?

चुनाव संपन्न होने के बाद ईवीएम निर्वाचन क्षेत्र के लिए बनाये गए स्ट्रॉन्ग रूम में जमा किये जाते हैं. मतगणना के दिन वोटों की गिनती भी उसी स्ट्रॉन्ग रूम में होती है. हर स्ट्रॉन्ग रूम में एक रिटर्निंग ऑफिसर तैनात रहता है, जो काउंटिंग शुरू करने से पहले ईवीएम की सील प्रत्याशी या उनके प्रतिनिधि की मौजूदगी में खोलते हैं. जिस हॉल में मतगणना होती है, उसकी प्रक्रिया पूरी होने तक हॉल में उम्मीदवार अपने काउंटिंग एजेंट और इलेक्शन एजेंट के साथ मौजूद रहते हैं.

काउंटिंग के बाद संभालकर रखे जाते हैं आंकड़े

वोटों की गिनती के बाद सभी आंकड़ों को कंट्रोल यूनिट मेमोरी सिस्टम में सेव करके रखा जाता है. कंट्रोल यूनिट में यह डेटा तब तक सेव रहता है जब तक इसे डिलीट न किया जाए. वोटों की गिनती की जिम्मेदारी चुनाव पदाधिकारी यानी रिटर्निंग ऑफिसर की होती है. बता दें कि सरकारी अफसर या स्थानीय निकाय के अधिकारी को रिटर्निंग ऑफिसर बनाया जाता है.

VVPAT क्या है?

वोटिंग के दौरान जब वोटर EVM का कोई बटन दबाता है, तब VVPAT मशीन से एक कागज
निकलता है. इस कागज पर उस उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिह्न बना होता है, जिसे मतदाता ने अपना मत दिया होता है. यह पर्ची वोटर को 7 सेकंड के लिए दिखाई देती है, जिसके बाद वह मशीन के ड्रॉप बॉक्स में चली जाती है. इस प्रकिया का उद्देश्य यह है कि मतदाता को पता चल सके की उसका वोट किस उम्मीदवार को मिला है.

VVPAT वेरिफिकेशन क्या होती है?

VVPAT यानी वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल की प्रक्रिया ईवीएम के वोटों की गिनती के बाद
अनिवार्य होती है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, हर विधानसभा क्षेत्र के किन्‍हीं पांच पोलिंग स्‍टेशंस की VVPAT पर्चियों को वहां के EVMs के नतीजों से मिला कर देखा जाता है. यह प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है. VVPAT और EVM के मतों की गिनती अगर मेल नहीं खाती है, तो VVPAT को वापस गिना जाता है और उसके नतीजों को ही सही माना जाता है.

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