झारखंड के हजारीबाग में मेगालिथ पत्थरों के बीच सूर्योदय का अद्भुत नजारा, देखिए exclusive तस्वीरें
Jharkhand News, Hazaribagh News, बड़कागांव (संजय सागर) : झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड स्थित पंकरी बरवाडीह के मेगालिथ स्थल से सूर्य को दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर करवट लेते हुए देखा गया. हालांकि इक्विनोक्स का नजारा 21 मार्च को देखा जाता था, लेकिन खगोलीय घटना के कारण इस बार 20 मार्च को ही देख लिया गया. सूर्य के इस नजारे को देखने के लिए लोग शनिवार को अहले सुबह ही जुट गये थे. हालांकि, आकाश में बादल के कारण पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष लोगों की संख्या कम थी. सूर्य के इस नजारे को देख लोग खुश थे.
Jharkhand News, Hazaribagh News, बड़कागांव (संजय सागर) : झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड स्थित पंकरी बरवाडीह के मेगालिथ स्थल से सूर्य को दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर करवट लेते हुए देखा गया. हालांकि इक्विनोक्स का नजारा 21 मार्च को देखा जाता था, लेकिन खगोलीय घटना के कारण इस बार 20 मार्च को ही देख लिया गया. सूर्य के इस नजारे को देखने के लिए लोग शनिवार को अहले सुबह ही जुट गये थे. हालांकि, आकाश में बादल के कारण पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष लोगों की संख्या कम थी. सूर्य के इस नजारे को देख लोग खुश थे.
बड़कागांव के पंकरी बरवाडीह के मेगालिथ स्थल पर खगोल प्रेमी शनिवार को (20 मार्च 2021) को 4:30 बजे सुबह से ही जुटे हुए थे. बादल छटने का लोग इंतजार कर रहे थे, लेकिन बादल छटने का नाम ही नहीं ले रहा था. अधिकतर खगोल प्रेमी निराश होकर वापस घर लौटने लगे थे, लेकिन जैसे ही एकाएक बादल छटने लगा, वैसे ही लोगों के पांव फिर पीछे की ओर मुड़ने लगे. लोगों ने देखा कि सूर्य बादल को चीरते हुए क्षितिज से ऊपर चढ़ रहा था. इसे देख लोग काफी खुश हुए. इक्विनॉक्स प्वाइंट पर स्थित दो मेगालिथ पत्थरों के बीच बने वी आकार से सूरज का अद्भुत नजारा दिखाई दे रहा था. युवा वर्ग सूर्य को अपने-अपने कैमरे में कैद कर रहे थे.
मुखिया कैलाश राणा, जेएमएम प्रखंड अध्यक्ष किशोर राणा ,अर्जुन सोनी, रंजीत कुमार वर्मा ,दिनेश कुमार, धर्मनाथ राणा, सुबोध कुमार, कुलेश्वर साव, मोहन साव, प्रमोद सोनी , मनोज साव,संतोष महतो, विजय कुमार ठाकुर ,तुलसी कुमार ,जितेंद्र कुमार, राहुल कुमार ,सूरज कुमार ,टुकन कुमार, दीपक ठाकुर, बृजेश वर्मा, संजय कुमार ,विजय कुमार, पवन कुमार, राहुल कुमार, मंजू देवी, सीमा कुमारी एवं प्रीति राणा ने इस स्थल को बचाने की मांग की है. आपको बता दें कि इक्विनॉक्स के कारण होनेवाली ऐसी खगोलीय घटना बेल्जियम, इंगलैंड, मध्य अमेरिका में भी देखा जाता है. वहीं, झारखंड के बड़कागांव के पंकरी बरवाडीह में ऐसा नजारा देखने को मिलता है. इतिहासकारों के अनुसार यह स्थल मध्य अमेरिका के माया सभ्यता एजटेक सभ्यता से मिलता-जुलता है.
Also Read: Jharkhand Weather Forecast : पश्चिमी विक्षोभ का असर, झारखंड के इन जिलों में बारिश के आसार, वज्रपात की भी आशंका, मौसम वैज्ञानिकों का ये है पूर्वानुमानखगोल शास्त्र के अनुसार, हर 20 व 21 मार्च एवं 22 व 23 सितंबर को रात- दिन बराबर होने के कारण सूर्य की किरणें विषुवत वृत्त पर सीधी पड़ती है. ऐसी स्थिति में कोई भी ध्रुव सूर्य की ओर नहीं झुका होता है. इस कारण पृथ्वी पर दिन एवं रात बराबर होते हैं. 21 मार्च को जब उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत ऋतु एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में शरद ऋतु होती है. इस कारण पृथ्वी की घूर्णन एवं परिक्रमण गति के कारण दिन-रात एवं ऋतुओं में परिवर्तन होता है. यही कारण है कि 21 मार्च को दिन और रात बराबर होते हैं. इसलिए सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर करवट लेते दिखाई पड़ता है.
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