अतीक-अशरफ हत्याकांड: सत्र न्यायालय में चलेगा ट्रायल, दस लाख रुपए खत्म होने पर हत्यारोपियों ने बनाई थी योजना
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के मामले में एसआईटी ने तीनों हत्यारोपियों से पूछताछ में जो अहम खुलासे हुए हैं, उसका जिक्र आरोप पत्र में किया है. इसमें बताया गया है कि कैसे तीनों के मन में हत्याकांड को अंजाम देने का ख्याल आया. इसके साथ ही वारदात में प्रयुक्त पिस्टल को लेकर भी खुलासा किया गया है.
Prayagraj: प्रयागराज में बहुचर्चित अतीक अहमद-अशरफ हत्याकांड के आरोपियों का ट्रायल सत्र न्यायालय में चलेगा. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद मामले को जिला जज के पास भेज दिया है. मामले में अब 27 जुलाई को सुनवाई को होगी.
अतीक अहमद-अशरफ हत्याकांड में विशेष जांच दल ने प्रयागराज की अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. इसके बाद अब अदालत में केस डायरी और आरोप पत्र का अवलोकन शुरू हो गया है. आरोप पत्र में पुलिस ने तीनों आरोपितों बांदा के लवलेश तिवारी, हमीरपुर के सनी सिंह और कासगंज के अरुण मौर्य की हत्या की पूर्व की गतिविधियों का विस्तार से जिक्र किया है.
इस हत्याकांड की सबसे अहम कड़ी वारदात में इस्तेमाल की गई पिस्टल है. तुर्की की पिस्टल से अतीक अहमद की कनपटी पर गोली मारी गई थी. जांच पड़ताल में सामने आया है कि जिगाना पिस्टल मेरठ के बदमाश कुख्यात शूटर जितेंद्र गोगी ने सनी सिंह को दी थी. पिस्टल देने के साथ ही जितेंद्र ने सनी को 10 लाख रुपए भी दिए थे.
सनी सिंह को साथियों का इंतजाम कर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या करनी थी. वहीं सनी को जब दस लाख रुपए मिले तो वह अपने साथी लवलेश और अरुण मौर्य के साथ मौज मस्ती करने लगा. वर्ष 2021 में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में जितेंद्र गोगी की हत्या कर दी गई. इसके बाद सनी बेफिक्र हो गया. लवलेश और अरुण के साथ उसकी शराब पार्टी काफी बढ़ गए.
तीनों ने रुपए होने के कारण छोटे अपराधों से दूरी बनाए रखी. तीनों कई कई शहरों में घूमे. होटलों में रुकने के साथ शराब पार्टी में रुपए खर्च किए गए. पुलिस के मुताबिक जब रुपए खत्म होने लगे तो शराब पीने के दौरान तीनों के बीच कुछ ऐसी वारदात को अंजाम देने की चर्चा हुई, जिससे उनकी ऐसो आराम की जिंदगी इसी तरह जारी रहे.
इस बीच तीनों ने देखा कि उमेश पाल हत्याकांड की खबरें सभी समाचार चैनल में सुर्खियों में हैं. शराब के नशे में लवलेश और अरुण ने सनी से कहा कि माफिया इस इस तरह होना चाहिए. इसके बाद तीनों के मन में इस तरह की वारदात को अंजाम देने का ख्याल आया. इसके बाद लखनऊ के चारबाग स्थित होटल में ठहरने के दौरान तीनों ने अतीक और अशरफ की हत्या को अंजाम देने का फैसला किया. फिर तीनों ने हत्या की योजना बनाना शुरू कर दिया.
वहीं अब इस बहुचर्चित हत्यकांड की जांच कर रही एसआईटी ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया है. तीनों आरोपी सनी, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया. जहां आरोपियों को बताया कि गया उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हो गया है.
तीनों आरोपितों की पत्रावली मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सत्र न्यायालय को विचारण के लिए सुपुर्द कर दी. 27 जुलाई को ये पत्रावली सत्र न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत होगी. तब तक के लिए तीनों की न्यायिक अभिरक्षा की अवधि बढ़ा दी गई है. यह आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने अभियोजन अधिकारी विनोद गुप्ता के तर्कों को सुनने के बाद दिया है.
प्रकरण में धूमनगंज पुलिस ने दो हजार पेज की केस डायरी और 56 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया है. जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि तीनों के खिलाफ लगाए गए आरोप में सात साल से अधिक की सजा है. इसलिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मामले को अपने यहां से सत्र न्यायालय स्थानांतरित कर दिया है.