अतीक अशरफ हत्याकांड: हत्यारोपितों ने मनपंसद का अधिवक्ता नियुक्त करने के लिए मांगा वक्त, तय होना है आरोप

प्रयागराज में बहुचर्चित अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ के हत्यारोपियों के खिलाफ मामला अब ट्रायल तक पहुंच गया है. अभी तक इनके लिए कोई अधिवक्ता नियुक्त नहीं किया गया था. तीनों ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान अपनी पसंद का अधिवक्ता नियुक्त करने की मांग की.

By Sanjay Singh | August 10, 2023 3:20 PM

Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ के हत्यारोपी लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य के विरुद्ध सत्र न्यायालय में परीक्षण शुरू हो गया है. कोर्ट ने आरोपितों का आईपीसी की धारा 309 में वारंट बनाने का आदेश दिया था.

इस प्रकरण में गुरुवार को प्रयागराज में जिला जज संतोष राय की कोर्ट में प्रतापगढ़ की जेल में बंद तीनों आरोपित जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कोर्ट रूम में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना करते हुए कहा कि वह अपनी मनपसंद का अधिवक्ता नियुक्त करना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने अदालत से समय दिए जाने की गुजारिश की. इस पर कोर्ट ने उनकी प्रार्थना को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारीख तय की.

आरोपितों के विरुद्ध एसआईटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 13 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद मुकदमे को परीक्षण के लिए सत्र न्यायालय को सुपुर्द करने का आदेश दिया था.

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हत्यारोपित अरुण, लवलेश और सनी सिंह के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302, 307, 302, 120 बी, 419, 420, 467, 468 आर्म्स एक्ट 377 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत उनके विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया है.

अतीक और अशरफ के हत्यारोपित लवलेश तिवारी, अरुण और सनी सिंह की तरफ से पैरवी करने के लिए अभी तक कोई अधिवक्ता नियुक्त नहीं किया गया था. सत्र न्यायालय द्वारा परीक्षण शुरू होने पर कोर्ट उन्हें सरकारी खर्च कर नि:शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराएगी, ताकि आरोप तय होने तथा गवाही के दौरान अदालत की कार्रवाई पूरी की जा सके.

15 अप्रैल को हुआ था अतीक-अशरफ हत्याकांड

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या 15 अप्रैल को मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय के गेट पर गोली मारकर की गई थी. इस मामले में शासन की ओर से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. जांच पूरी करने के बाद चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी गई है.

अतीक के बेटों उमर व अली अहमद का करीबी गिरफ्तार

इस बीच जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे उमर व अली का करीबी मोहम्मद नसरत को गिरफ्तार कर लिया गया है. वह बिल्डर भाई मोहम्मद मुस्लिम को अगवा कर रंगदारी मांगने के मामले में वांछित चल रहा था. पुलिस ने कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया. नसरत चकिया का रहने वाला है.

वह उमर व अली समेत उन छह आरोपियों में से एक है जो 26 अप्रैल को खुल्दाबाद थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे में नामजद किया गया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी. उसे हिरासत में ले लिया गया. पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. पुलिस अफसरों के मुताबिक आरोपी रंगदारी मांगने समेत अन्य मुकदमों में भी वांछित चल रहा था. उसकी काफी समय से तलाश की जा रही थी, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.

तीन आरोपियों की रिमांड

उधर इस प्रकरण में उमर व अली समेत जेल में बंद तीन आरोपियों का रिमांड भी बनवा लिया गया है. तीसरा आरोपी अतीक का बेहद खास गुर्गा रहा असाद कालिया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तीनों का रिमांड बनवाकर वारंट नैनी व लखनऊ जेल में तामील करा दिया गया है. उधर दो आरोपियों एहतेशाम करीम व अजय की तलाश जारी है.

रास्ते से किया था अगवा

मो. मुस्लिम ने आरोप लगाया था कि पिछले 17 वर्षों से आरोपी उससे रंगदारी वसूल रहे थे। यह भी कहा था कि इसी साल जनवरी से अतीक का बेटा असद कई बार अज्ञात लोगों संग उसके लखनऊ स्थित फ्लैट पर आकर गालीगलौज व धमकी देकर रंगदारी मांग चुका था. फ्लैट पर आने के दौरान असद जेल में बंद अपने भाइयों उमर व अली से उसकी फोन पर बात कराता था। यह भी कहा था कि हर प्लॉट में उन्हें हिस्सा देना होगा। हाथ-पैर जोड़ने पर दो दिन का वक्त दिया. इसके बाद उसने गुर्गे असाद कालिया के हाथों अतीक के बेटों को 1.20 करोड़ रुपए भेजवाए.

बिल्डर ने लगाए कई गंभीर आरोप

तहरीर में लिखा था कि 2006 में उसने प्लॉटिंग व भवन निर्माण का काम शुरू किया. इसके बाद से ही अतीक, अशरफ व उनके गुर्गे आए दिन धमकी देने व रंगदारी मांगने लगे थे. उनके खौफ से ही वह लखनऊ चला गया. लेकिन, माफिया व उसके गुर्गे लगातार उससे रंगदारी वसूलते रहे. बिल्डर ने कई अन्य आरोप भी लगाए हैं. बताया है कि आरोपी उसे रास्ते से अगवा कर चकिया स्थित अतीक के कार्यालय में ले गए. फिर वहां बेल्ट से बांधकर बारजे पर लटकाते हुए मारने की धमकी दी.

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