अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची बहन आयशा नूरी, यूपी सरकार पर लगाए ये गंभीर आरोप

अतीक अहमद-अशरफ हत्याकांड में बहन आयशा नूरी ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश या स्वतंत्र एजेंसी की अध्यक्षता में व्यापक जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आयशा नूरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उसके भाइयों की हत्या में सरकार का हाथ है, यह राज्य प्रायोजित हत्या थी.

By Sanjay Singh | June 27, 2023 10:48 AM

Prayagraj: प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में मारे गए माफिया अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ के प्रकरण में उनकी बहन आयशा नूरी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आयशा नूरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उसके दोनों भाइयों की हत्या में यूपी सरकार का हाथ है. यह राज्य प्रायोजित हत्या थी.

आयशा नूरी ने मामले में सेवानिवृत्त न्यायाधीश या स्वतंत्र एजेंसी की अध्यक्षता में व्यापक जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद से ही अतीक अहमद गैंग यूपी पुलिस और एसटीएफ के निशाने पर था. साबरमती जेल से अतीक और बरेली जेल से अशरफ को लाकर प्रयागराज पुलिस पूछताछ कर रही थी. इसी दौरान 15 अप्रैल की रात कॉल्विन हॉस्पिटल परिसर में माफिया ब्रदर्स की तीन हमलावरों ने हत्या कर दी.

इनकी पहचान शूटर सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य के रुप में हुई. ये पत्रकार बनकर कॉल्विन हॉस्पिटल परिसर में पहुंचे थे. आयशा नूरी ने सुप्रीम कोर्ट में इस हत्याकांड पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दोनों भाइयों के साथ-साथ भतीजे असद अहमद के एनकाउंटर की भी स्वतंत्र जांच कराने की अपील की है.

Also Read: UP STF की बड़ी कार्रवाई, कौशांबी में सवा लाख का इनामी अपराधी एनकाउंटर में ढेर, मौके से कारबाईन-पिस्टल बरामद

आयशा नूरी ने अपने अधिवक्ता सोमेश चंद्र झा और अमार्त्य आशीष शरण के जरिए सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में आयशा ने दोनों भाई की हिरासत में हत्या को एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग बताया है. याचिका में कहा गया है कि उच्चस्तरीय सरकारी एजेंटों के जरिए इस पूरी वारदात की योजना तैयार की गई.

आयशा नूरी के मुताबिक उसके परिवार के सदस्यों को मारने के लिए प्लान बनाया गया. पुलिस अफसरों यूपी सरकार का इसे पूरा समर्थन मिला. आरोप लगाया गया है कि प्रतिशोध के तहत उसके परिवार के सदस्यों को मारने, अपमानित करने, गिरफ्तार करने और परेशान करने के लिए उन्हें पूरी छूट दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट पहले ही एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अतीक और अशरफ हत्याकांड को संज्ञान में ले चुका है. कोर्ट ने राज्य सरकार से पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा. इसके साथ ही अतीक और अशरफ को अस्पताल ले जाते समय मीडिया के सामने लाए जाने पर सवाल उठाए. अदालत ने बीते दिनों अतीक और अशरफ सहित पिछले पांच वर्षों में यूपी में हुई 183 पुलिस एनकाउंटर में मौतों की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका पर ये आदेश जारी किया था.

Next Article

Exit mobile version