Prayagraj: उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक अहमद शनिवार को अपने बेटे असद के जनाजे को कंधा नहीं दे सका. उसने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अदालत में अर्जी दी थी. लेकिन, इस पर सुनवाई नहीं हो सकी. इस वजह से अतीक अपने बेटे के जनाजे में शामिल नहीं हो पाया. असद के नाना और मौसा ने रस्मों को पूरा कराया.
असद के अंतिम संस्कार के दौरान कब्रिस्तान के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई. ड्रोन से भी निगरानी की गई. कब्रिस्तान में आने वाले हर शख्स का नाम और मोबाइल नंबर दर्ज किया गया. इसके बाद ही उन्हें परिसर में दाखिल होने की इजाजत दी गई.
वहीं शूटर गुलाम हसन के शव को भी शिवकुटी के मेहंदौरी स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया. इस दौरान लोगों की भीड़ देखने को मिली. गुलाम हसन झांसी में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद के साथ ही मुठभेड़ में पुलिस के हाथों मारा गया था. वह सीसीटीवी में उमेश पाल पर गोलियां बरसाते हुए नजर आया था.
इससे पहले अतीक अहमद ने बेटे असद के जनाजे में शामिल होने के लिए अपने अधिवक्ता के जरिए रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी दी थी. लेकिन, अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि इस संबंध में उसे सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है. इसके बाद शनिवार को क्षेत्राधिकार प्राप्त न्यायालय के पीठासीन अधिकारी के समक्ष इस संबंध में अर्जी पर सुनवाई की बात कही गई. लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया.
अधिवक्ताओं के मुताबिक जब अतीक अहमद के पिता फिरोज अहमद की मौत हुई थी, तब भी अतीक अहमद जेल में बंद था और उसे पिता के जनाजे में शामिल होने के लिए अनुमति दी गई थी. इस बार उसके बेटे की मौत हुई है. वह पिता के तौर पर अपने बेटे के जनाजे में शामिल होना चाहता है.
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वहीं सुरक्षा कारणों से असद के शव को अतीक के घर में ले जाने की इजाजत नहीं दी गई है. इसके बाद कब्रिस्तान उसे दादा की कब्र के करीब में दफन किया गया. वहीं असद की मां शाइस्ता परवीन को लेकर भी पुलिस अलर्ट दिखी. शाइस्ता की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है. अटकलें लगाई जा रही थीं कि बेटे का आखिरी बार चेहरा देखने के लिए वह सरेंडर कर सकती है. हालांकि ऐसा नहीं हुआ.