अतीक अशरफ हत्याकांड: तीनों आरोपियों की चार दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर, SIT की पूछताछ में बड़े खुलासे की उम्मीद
अतीक अशरफ हत्याकांड: कहा जा रहा है कि हमलावरों लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य ने शुरुआती पूछताछ में बताया है कि वे बड़ा माफिया बनना चाहते थे. इसलिए उन्होंने सनसनीखेज तरीके से वारदात को अंजाम दिया. अब एसआईटी तीनों से पूछताछ कर मामले की तह तक जाएगी, जिसमें बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.
Atiq-Ashraf Murder: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम अशरफ मर्डर केस में तीनों आरोपियों की चार दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली गई है. हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. तीनों को बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के सामने पेश किया गया. मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने तीनों हत्यारों लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य की रिमांड मांगी थी. अब कस्टडी रिमांड मिलने के बाद इनसे हत्यकांड को लेकर गहराई से पूछताछ की जाएगी.
कस्टडी रिमांड में बड़े खुलासे होने की उम्मीद
कहा जा रहा है कि अतीक अहमद और अशरफ के हमलावरों ने शुरुआती पूछताछ में बताया है कि वे बड़ा माफिया बनना चाहते थे. इसलिए उन्होंने सनसनीखेज तरीके से वारदात को अंजाम दिया. शूटर्स के मुताबिक वे छोटे-मोटे माफिया नहीं बनना चाहते थे. तीनों आरोपी इस वारदात के बाद सुर्खियों में आना चाहते थे. इसलिए उन्होंने योजना बनाकर मीडिया के सामने वारदात को अंजाम दिया. अब एसआईटी तीनों से पूछताछ कर मामले की तह तक जाएगी, जिसमें बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.
कड़े सुरक्षा प्रबंध के बीच प्रतापगढ़ जेल से लाकर किया गया पेश
कस्टडी रिमांड के लिए बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के सामने तीनों को पेश किया गया. रिमांड मंजूर होते ही तीनों को सुरक्षा के मद्देनजर वापस भेज दिया गया. इसके बाद रिमांड के दिन को लेकर बहस हुई. पुलिस ने तीनों की 14 दिन की रिमांड मांगी. हालांकि सीजेएम कोर्ट से चार दिन की रिमांड मंजूर की गई. मामले को लेकर एसआईटी ने सीजेएम दिनेश कुमार गौतम की कोर्ट में इसकेे लिए प्रार्थना पत्र दिया था. तीनों हत्यारोपियों को कड़े सुरक्षा प्रबंध के बीच प्रतापगढ़ जेल से लाकर पेश किया गया. गिरफ्तारी के बाद ही उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. इससे पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाए.
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हत्यारोपियों की जान पर खतरे का अंदेशा
अतीक अहमद और अशरफ की ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या करने वाले हत्यारोपियों की जान पर भी खतरे का अंदेशा है. नैनी जेल में अतीक के गुर्गे इन पर हमला कर सकते हैं. इसलिए तीनों को नैनी जेल से सोमवार को प्रतापगढ़ जेल भेज दिया गया था. वहां से बुधवार को कचहरी तक लाए जाने के दौरान पूरे रास्ते में कड़ी सुरक्षा का घेरा रहा. पेशी के दौरान कचहरी छावनी में तब्दील रही. जांच एजेंसियों के साथ-साथ आरएएफ और पीएसी के जवानों को भी तैनात किया गया.
तीन सदस्यीय विशेष जांच दल गठित
मामले में यूपी पुलिस ने तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है. स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा के निर्देश पर एसआईटी बनाई गई है. इसमें प्रयागराज के अपर पुलिस उपायुक्त अपराध सतीश चंद्र को मुख्य विवेचक, सहायक पुलिस आयुक्त कोतवाली सतेंद्र प्रसाद तिवारी तथा निरीक्षक ओम प्रकाश को सह-विवेचक बनाया गया है.
तीन सदस्यीय निगरानी टीम का गठन
यूपी पुलिस के महानिदेशक आरके विश्वकर्मा ने कहा कि सही तरीके से समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने के लिए तीन सदस्यीय निगरानी टीम का भी गठन किया गया है. टीम का अध्यक्ष एडीजी प्रयागराज जोन भानु भास्कर को बनाया गया है. भानु भास्कर का सीबीआई लंबा अनुभव देखते हुए उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा और विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ के निदेशक डॉ. सुनील कुमार को सदस्य बनाया गया है.