अतीक-अशरफ हत्याकांड में शूटर्स के साथ मौजूद थे दो मददगार! अब असली मास्टरमाइंड होगा बेनकाब, मोबाइल खोलेगा राज
अतीक-अशरफ हत्याकांड में पहले दिन से ही अंदेशा लगाया जा रहा है कि हत्यारोपियों लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य के अलावा कुछ और लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं. हाल ही में बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने भी मर्डर केस में पांच लोगों के शामिल होने की बात कही थी. अब जांच पड़ताल में भी ऐसी बात सामने आई है.
Prayagraj: प्रयागराज के अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ हत्याकांड में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. मामले की तह तक जाने के लिए एसआईटी वारदात को अंजाम देने वाले तीनों हत्यारोपियों से अलग-अलग पूछताछ में जुटी है. ये पता लगाया जा रहा है कि वास्तव में इतना बड़ी वारदात को उन्होंने अपने दम पर अंजाम दिया या फिर पर्दे के पीछे से कोई उन्हें गाइड कर रहा था. या फिर इसके पीछे कुछ और लोग हैं. इस बीच अब कहा जा रहा है कि हत्याकांड में तीन शूटर्स के अलावा दो अन्य लोग भी शामिल थे.
अफजाल अंसारी ने पहले ही कही थी पांच हत्यारोपियों की मदद
अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड में पहले दिन से ही अंदेशा लगाया जा रहा है कि हत्यारोपियों लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य के अलावा कुछ और लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं. वहीं हाल ही में बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने भी मर्डर केस में पांच लोगों के शामिल होने की बात कही थी. अब जांच पड़ताल में भी ऐसी बात सामने आई है. कहा जा रहा है कि तीनों हत्यारोपियों का बिलकुल सही समय पर मौके पर पहुंचना, उनके पास वारदात के दौरान मोबाइल नहीं होना, अलग-अलग जिलों का निवासी होना और दूर-दूर तक प्रयागराज से कनेक्शन नहीं होना, ये कुछ ऐसे बिंदु हैं, जो साफ इशारा करते हैं कि इन तीनों के अलावा कुछ और लोग भी थे, जो पर्दे के पीछे से काम कर रहे थे.
एसआईटी ने तीन हत्यारोपियों से पूछे सवाल
कहा जा रहा है कि ये लोग हर हदम पर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य की मदद करने के साथ उन्हें गाइड कर रहे थे. इसलिए एसआईटी ने अपनी पूछताछ में सबसे ज्यादा जोर ऐसे सवालों पर दिया है, जिससे पर्दे के पीछे के खिलाड़ियों के नाम सामने आ सके. कहा जा रहा है कि एसआईटी ने तीनों हत्यारोपियों से सवाल किया कि जब उनके पास मोबाइल नहीं था, तो उन्हें कैसे पता चला कि अतीक और अशरफ को कब अस्पताल ले जाया जाएगा. कैसे वह बिलकुल सही समय पर पहुंच गए.
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प्रयागराज से सामने आया कनेक्शन
कहा जा रहा है कि घटनास्थल पर शूटर्स की मदद के लिए दो अन्य लोग भी मौजूद थे. ये लोग कॉल्विन अस्पताल के बाहर से ही उन्हें अतीक और अशरफ की लोकेशन दे रहे थे. इनमें से एक स्थानीय निवासी बताया जा रहा है, जिसे प्रयागराज शहर की हर गली, सड़क के बारे में पता था. उसे जानकारी थी कि कहां पर वारदात को अंजाम दिया जा सकता है. इसी व्यक्ति ने शूटर्स के ठहरने की व्यवस्था की.
होटल से बरामद दो मोबाइल से होगा खुलासा
जानकारी में सामने आया है कि लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य प्रयागराज में रेलवे स्टेशन और खुल्दाबाद थाने के बीच स्थित एक होटल में ठहरे थे. तीनों ने योजना के मुताबिक अपना-अपना सिम मोबाइल से निकाल कर फेंक दिया था. हत्या के बाद तीनों को होटल पहुंचकर अपना सामान लेकर फरार होना था. एसआईटी को होटल से दो मोबाइल फोन बरामद भी हुए हैं, जिसमें सिम कार्ड नहीं है. अब दोनों मोबाइल की डाटा रिकवरी के जरिए सुराग पता लगाने की तैयारी की जा रही है.
तीनों हत्यारोपियों को असली मास्टरमाइंड की नहीं जानकारी!
ये भी कहा जा रहा है कि लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य को इन दोनों व्यक्तियों से संपर्क में रखा गया. लेकिन, तीनों को ये नहीं बताया गया कि आखिर ये दोनों व्यक्ति किसके कहने पर उनकी मदद कर रहे हैं. इसलिए तीनों हत्यारोपी पर्दे के पीछे के असली खिलाड़ी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में एसआईटी अब उन दो मददगारों की तलाश में जुट गई है, उनकी धड़पकड़ के बाद अतीक-अशरफ हत्याकांड से पर्दा उठ सकेगा.
तीनों शूटर्स ने पहले भी की वारदात की कोशिश
वारदात के एक दिन पहले भी दोनों व्यक्ति लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य के साथ थे. उस दिन भी अतीक और अशरफ को कॉल्विन अस्पताल ले जाया गया था. लेकिन, तब भीड़ ज्यादा होने के कारण वारदात को अंजाम नहीं दिया जा सका. जांच पड़ताल में सामने आया है कि अतीक अहमद और अशरफ की कस्टडी रिमांड मंजूर होने के बाद ही लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य और प्रयागराज पहुंचे थे. इसके बाद तीनों धूमनगंज थाना क्षेत्र में सक्रिय रहे, जिससे उन्हें इस इलाके के बारे में ज्यादा जानकारी हो सके. वहीं 14 अप्रैल को भी अतीक अहमद और अशरफ को कौशाम्बी के महगांव ले जाने के दौरान भी तीनों वारदात को अंजाम देना चाह रहे थे. लेकिन, योजना सफल नहीं हो पाई.
तीनों की सुरक्षा को लेकर पुलिस सतर्क
हालांकि आधिकारिक तौर पर ना तो एसआईटी के सदस्य और ना ही महकमे के वरिष्ठ पुलिस अफसर इन बातों की पुष्टि कर रहे हैं. लेकिन, घटनाक्रम साफ इशारा कर रहा है कि हत्याकांड में तीन से अधिक लोग शामिल थे. वहीं अब पुलिस लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य की सुरक्षा को लेकर भी खास सतर्कता बरत रही है. उनकी जान पर भी खतरा मंडरा रहा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव पहले ही सरकार पर सवाल खड़े करते हुए तीनों की हत्या की आशंका जता चुके हैं. वहीं अगर वाकई में पर्दे के पीछे का कोई और मास्टरमांइड है, तो ना सिर्फ लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य बल्कि उन लोगों की भी जान को खतरा है, जो इन तीनों की मदद कर रहे थे. एसआईटी उन दोनों शख्स के जरिए भी असली मास्टरमांइड तक पहुंच सकती है.