Kanpur : प्रदेश भर में ATS द्वारा चलाए जा रहे PFI के खिलाफ अभियान में कानपुर से भी दो सक्रिय सदस्यों को हिरासत ने लिया गया हैं. जिनसे लखनऊ में पूछताछ की जा रही है. प्रतिबंधित पीएफआई (पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के इन दोनों सक्रिय सदस्यों को एटीएस ने बजरिया और जाजमऊ से उठाया है. पूछताछ के लिए अन्य कई लोगों को भी उठाया गया है. शहर से उठाए गए दो लोगों से गहनता से पूछताछ की जा रही है. इन दोनों का नाम कानपुर में हुए सीएए-एनआरसी बवाल में भी सामने आया था.
शनिवार की देर रात को एटीएस की दो टीमें कानपुर पहुंचीं थी. इस दौरान कानपुर के अलग-अलग ठिकानों पर टीम ने छापेमारी की थी. एक टीम ने बजरिया तो दूसरी ने जाजमऊ में छापेमारी की. यहां से दो संदिग्धों को उठाया और उन्हें लेकर टीम सीधे लखनऊ के लिए रवाना हो गई.
सूत्र बता रहे हैं कि दोनों को एक गोपनीय स्थान पर रखकर पूछताछ की जा रही है. यह दोनों कौन हैं और कहां से आए. इसके साथ ही इनकी सीएए-एनआरसी बवाल में क्या भूमिका थी. बता दें कि इससे पूर्व में प्रकाश में आए पांच सदस्यों के बारे में भी एटीएस व अन्य एजेंसियां जांच कर रही हैं.
बता दे कि जनवरी 2020 में बाबूपुरवा पुलिस ने बजरिया के रामबाग कॉलोनी निवासी मोहम्मद उमर, लेबर कॉलोनी फहीमाबाद निवासी सैयद अब्दुल हाशमी, कुली बाजार निवासी फैजान मुमताज, बड़ा कुरियाना अनवरगंज निवासी मोहम्मद वासिफ और सरवर आलम को गिरफ्तार किया था. इन पर पीएफआई को फंडिंग करने का आरोप लगा था. वहीं कानपुर में तीन जून को जुमे की नमाज के बाद नई सड़क हिंसा में पीएफआई के सक्रिय सदस्य मोहम्मद उमर, मोहम्मद वासिफ और सरवर आलम को दुबारा गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था.
कानपुर में पकड़े गए दोनों संदिग्धों के मोबाइल और लैपटॉप भी टीम साथ ले गई है. इनके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का डाटा खंगाला जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक गैजेट्स में PFI से फंडिंग के अहम सुराग ATS के हाथ लगे हैं. जिसके बारे में दोनों से पूछताछ चल रही है.
रिपोर्ट-आयुष तिवारी