11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड : मुख्यमंत्री जी ध्यान दें! प्रसव पीड‍़ा से कराहती एक महिला 4 किमी बदहवास चली, तब मिला एंबुलेंस

झारखंड के सुदूरवर्ती गांवों में सड़कों की क्या स्थिति है वो प्रसव पीड़ा से कराहती एक गर्भवती के चार किलोमीटर पैदल चलकर एंबुलेंस तक पहुंचने से साफ स्पष्ट हो जाता है. ग्रामीण सड़क बनाने को लेकर जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाए.

इचाक (हजारीबाग), रामशरण शर्मा : हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर सुदूरवर्ती पहाड़ों के बीच डाड़ीघाघर पंचायत के पुरनपनियां गांव की प्रसव पीड़ा से कराहती एक गर्भवती महिला मुन्नी देवी को अस्पताल जाने के लिए चार किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. गांव तक अच्छी सड़क नहीं होने के कारण अन्य महिला और सहिया ने सहयोग कर पहाड़ी पगडंडी के रास्ते चार किलोमीटर पैदल चलाकर फुफंदी गांव तक लाये. तब जाकर गर्भवती को एंबुलेंस नसीब हुआ. इसके बाद दर्द से कराहती गर्भवती महिला शुक्रवार को करीब 10 बजे सीएचसी इचाक पहुंची. जहां एएनएम की देखरेख में उसने एक बेटी को जन्म दिया. प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है.

तीन घंटे में चार किलोमीटर पैदल चलकर एंबुलेंस तक पहुंची गर्भवती महिला

मालूम हो कि डाडीघाघर पंचायत के पुरनपनियां गांव निवासी सुरेंद्र किस्कू की पत्नी मुन्नी देवी को आठ जून की रात से ही प्रसव पीड़ा का एहसास हुआ. रात होने के कारण महिला घर पर छटपटाती रही. सुबह होने पर उसके पति सुरेंद्र किस्कू, बाबूलाल मांझी, गांव की महिला चंदमुनी देवी, ननकी देवी, सुकुरमुनी देवी ने गर्भवती महिला को सहारा देते हुए तीन घंटे में चार किलोमीटर पैदल चलाकर फुफंदी चौक तक लाये. इसके बाद एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया.

गांव में पक्की सड़क नहीं होने से परेशान हैं ग्रामीण

बता दें कि फुफंदी गांव के बाद डाडीघाघर पंचायत के पूर्णपनियां, गरडीह, सालूजाम, धरधरवा गांव जाने के लिए पक्की सड़कें नहीं होने के कारण पहाड़ी पगडंडी से होकर लोग आना-जाना करते हैं. जिसके कारण लोगों को वर्षों से परेशानी झेलनी पड़ रही है. बीमार एवं गर्भवती महिलाओं को डोली में बैठाकर इलाज करवाना पड़ता है जो गंभीर चिंता का विषय है.

Also Read: झारखंड की हरियाली और सड़कें देख कर मंत्रमुग्ध हुए फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन, कई क्षेत्रों का किया मुआयना

जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों से गुहार, पर नहीं मिली सड़क

इस संबंध में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के सचिव रमेश कुमार हेंब्रम ने कहा कि उसने सड़क निर्माण कराने की गुहार जिला प्रशासन समेत जनप्रतिनिधियों से कई बार लगा चुके हैं. बावजूद आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. सड़क नहीं बनने के कारण गर्भवती महिला एवं बीमार लोगों का इलाज कराने में ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ती है. उन्होंने कहा की डाडीघाघर में बना स्वास्थ्य उपकेंद्र कभी नहीं खुलता. वहां न तो कभी कोई चिकित्सक जाते हैं और न ही कोई एएनएम. जिस कारण इस पंचायत के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ आज तक नहीं मिला सका है.

सड़क निर्माण को लेकर कई बार दिया आवेदन, किसी ने नहीं ली सुध

वहीं, मुखिया नंदकिशोर मेहता का कहना है कि फुफंदी गांव से पुरनपनियां गांव तक सड़क निर्माण को लेकर हजारीबाग डीसी, कोडरमा सांसद सह केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी एवं विधायक अमित कुमार यादव को आवेदन दे चुके हैं. सड़क निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें