सुनील चौधरी, रांची: खान विभाग जल्द ही राज्य की 28 खदानों की नीलामी करायेगा. नीलामी के पूर्व राज्य सरकार से इसकी अनुमति ली जायेगी. इसको लेकर विभाग कैबिनेट के लिए प्रस्ताव बनाने में जुटा है. खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा चिह्नित 28 खदानों की नीलामी दिसंबर 2021 तक या जनवरी 2022 में होने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय खान मंत्रालय ने झारखंड सरकार से खदानों की नीलामी कराने का आग्रह किया है.
केंद्र का कहना है कि खदानों की नीलामी होने के बाद इसके चालू होने से राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. उन खदानों की नीलामी प्राथमिकता के आधार पर करने का आग्रह किया गया है, जिनकी भूतात्विक रिपोर्ट तैयार हो चुकी है. केंद्र के निर्देश के बाद खान विभाग ने नीलामी के लिए 28 खदानों की सूची तैयार की है.
इनमें नौ लौह अयस्क की खदानें शामिल हैं. इसके अलावा सोना, बॉक्साइट, ग्रेफाइट, लाइमस्टोन खदान की नीलामी की भी तैयारी चल रही है. इन 28 खदानों की नीलामी से राज्य सरकार को 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिल सकता है.
रांची स्थित भीतराघारी सोना खदान की हो सकती है नीलामी : खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा रांची जिले में हाल ही में खोजी गयी भीतराघारी सोना खदान की नीलामी अगले वर्ष की जा सकती है.अभी इसकी मैपिंग हो रही है.
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इन खदानों के चालू होने से राज्य व देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी
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खदानों की नीलामी इसी साल या जनवरी 2022 तक होना संभव
लौह अयस्क: मेरालगड़ा (115.22 हेक्टेयर), घाटकुरी (138.84 हेक्टेयर), बरालजोड़ी मैंगनीज खदान (21.24 हेक्टेयर), बरायबुरु टाटीबा लौह एवं मैंगनीज खदान (258.98हेक्टेयर), घाटकुरी-1 (149.74 हेक्टेयर), ठकुरानी (84.68 हेक्टेयर), एनकेपीके (84.68 हेक्टेयर) के अलावा करमपदा इस्ट और वेस्ट लौह अयस्क खदान.
दुधापाट लोहरदगा (130 हेक्टेयर), दुघापाट-1 (.80 हेक्टेयर), लोधापाट गुमला (63 हेक्टेयर) के अलावा गुमला स्थित रिशाटोली, हाडुप, मधुपाट व लोहरदगा स्थिति महुआपाट खदान.
बरागंडा, गिरिडीह (59.159 हेक्टेयर), पोंची व रेवारतू पलामू स्थित ग्रेफाइट खदान, गढ़वा स्थित खुटिया डोलेमाइट खदान, रांची स्थित पियरटांट लाइमस्टोन व अन्य खदानें शामिल हैं.
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) द्वारा बालू घाटों में माइंस डेवलपर सह अॉपरेटर (एमडीओ) की नियुक्ति के लिए निकाली गयी निविदा खोल दी गयी है. राज्यभर के 500 से अधिक बालू घाटों के लिए 223 कंपनियों ने निविदा डाली है. अभी निविदा का तकनीकी मूल्यांकन कराया जा रहा है. तकनीकी मूल्यांकन की सारी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग करायी जा रही है. गौरतलब है कि जेएसएमसी द्वारा बालू घाटों के लिए एमडीओ की नियुक्ति के लिए 30 सितंबर को टेंडर प्रकाशित किया गया था.
निविदा में राज्य के विभिन्न बालू घाटों में एमडीओ की नियुक्ति की जानी है, जो बालू का उठाव, परिवहन करेंगे. वर्तमान में आठ जिलों के केवल 16 घाटों से ही बालू उठाव की अनुमति है. जबकि राज्य में 560 बालू घाट हैं. जेएसएमडीसी के चतरा के चार, सरायकेला के एक, कोडरमा के दो, दुमका दो, देवघर के पांच, हजारीबाग के एक, खूंटी के दो और गुमला के एक बालू घाट ही ऐसे ही जिनमें माइंस डेवलपर सह अॉपरेटर (एमडीओ) नियुक्त हैं. जो वैध तरीके से बालू का उठाव कर सकते हैं. अब निविदा प्रक्रिया पूरी होते ही शेष बालू घाटों से भी बालू का उठाव वैध तरीके से हो सकेगा.
Posted by: Pritish Sahay