Mid-Day Meal योजना के तीन साल का अंकेक्षण कार्य आज से शुरू, सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश जारी

Mid-Day Meal Scheme: मध्याह्न भोजन योजना के तीन साल का अंकेक्षण कार्य शुरू हो गया है. इसके लिये सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश जारी किया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2023 1:55 PM
an image

Mid-Day Meal Scheme: प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना का 2018-19 से 2020-21 तक वैधानिक अंकेक्षण कार्य आज यानी 20 जनवरी शुक्रवार से शुरू हो गया है. जिला शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को निर्देश जारी किया गया है. अंकेक्षण कार्य 20 जनवरी से चार मार्च तक अगल-अलग प्रखंडों में किया जायेगा.

अंकेक्षण स्थल क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय धनबाद निर्धारित किया गया है. धनबाद के 167 विद्यालयों का अंकेक्षण कार्य एक से चार फरवरी तक किया जायेगा. झरिया के 100 विद्यालयों का अंकेक्षण कार्य 24 से 25 जनवरी तक, बलियापुर के 166 विद्यालयों का 28, 30 व 31 जनवरी को, गोविंदपुर 286 विद्यालयों का 6 से 11 फरवरी तक, निरसा के 311 विद्यालयों का 17 एवं 20 से 24 फरवरी तक, टुंडी के 182 विद्यालयों का 13 से 16 फरवरी तक, पूर्वी टुंडी के 92 विद्यालयों का 25 व 27 फरवरी को, तोपचांची के 151 विद्यालयों का 28 फरवरी से तीन मार्च तक, बाघमारा के 239 विद्यालयों का 27 जनवरी, 3, 4, 9 व 10 मार्च तक किया जायेगा. अंकेक्षण कार्य के लिए विद्यालय स्तर से अभिलेख की मांग की गयी है. इसमें तीनों वित्तीय वर्ष के लिए अद्यतर पासबुक, बाउचर, रोकड़ पंजी, दैनिक व्यय पंजी, छात्र उपस्थिति पंजी आदि कागजात लाना होगा.

क्या है अंकेक्षण

अंकेक्षण एक विधिवत् मूल्यांकन एवं परीक्षण प्रक्रिया है. जिसके द्वारा किसी निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिये किया जाता है और अंकेक्षण कार्य के सम में अपनी राय प्रतिवेदन के रूप में सम्बन्धित पक्ष को प्रेषित की जाती है. अंकेक्षण के संबंध में उपर्युक्त कथन, अंकेक्षण के प्रकारों का वर्णन को बताता है.

Also Read: झारखंड के 700 स्कूलों के मिड डे मिल का होगा सोशल ऑडिट, इन बिंदुओं पर होगी जांच पड़ताल
वैधानिक अंकेक्षण के बारे में

वैधानिक अंकेक्षण उन संस्थाओं में जिनमें किसी विधान के अनुसार सारा कार्य किया जाता है. अंकेक्षण भी उसी प्रकार उस विधान के अन्तर्गत अनिवार्य कर दिया गया है. जो  भिन्न-भिन्न अधिनियमों के आधार पर चलने वाली संस्थाओं के लिए विधान के अनुसार अंकेक्षण अनिवार्य  कर दिया गया है. इसे वैधानिक अंकेक्षण कहते हैं.

Exit mobile version