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गोरखपुर: अगस्त में बारिश ने पिछले 16 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ा, जलवायु परिवर्तन पर असर डाल रहा प्रदूषण

बीते छह वर्ष के आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि 2019 अगस्त में मात्र 77 मिमी वर्षा हुई थी, जो औसत से 81 प्रतिशत कम थी. वहीं 2021 में औसत से 15 प्रतिशत अधिक यानी 437.1 मिलीमीटर वर्षा हुई थी. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक ये दर्शाता है कि प्रदूषण के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन की कारण ऐसा हो रहा है.

Gorakhpur: उत्तर प्रदेश में सितंबर माह की शुरुआत उमस भरी गर्मी से हुई है. महीने के पहले सप्ताह में कहीं भी भारी बारिश की संभावना नहीं है. इस लिहाज से बारिश की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को निराशा हाथ लगेगी. वहीं अगर अगस्त की बात करें तो इस वर्ष अगस्त माह में जनपद में 489.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो अगस्त माह में बीते 16 वर्ष में होने वाली वर्षा का नया रिकॉर्ड बना है.

अगस्त में बारिश की स्थिति

गोरखपुर में इस वर्ष अगस्त माह में औसत से 29 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जो बीते 16 वर्ष में अगस्त में होने वाली वर्ष में सर्वाधिक भी है. अगस्त में औसत वर्षा का मानक 378.6 मिलीमीटर है. इस तरह आकलन किया जाए तो इस वर्ष अगस्त में औसत से 111 मिलीमीटर अधिक वर्षा अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है.

अगस्त माह में वर्ष 2007 में 499.2 प्रतिशत वर्षा रिकार्ड की गई थी. वहीं 2021 की बात करें तो मौसम विभाग के मानक के अनुसार उस वर्ष 437.1 मिमी बारिश हुई थी. वर्ष 2022 में अगस्त माह में अच्छी बारिश हुई थी. लेकिन, इस वर्ष की आंकड़े की मुकाबला कम थी. मौसम वैज्ञानिक कैलाश पांडेय के अनुसार वर्षा के आंकड़े का औसत से निरंतर दूर रहने की वजह प्रदूषण के कारण होने वाला जलवायु परिवर्तन है.

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2007 के बाद 2021 में सबसे अधिक बरसात

मौसम वैज्ञानिक कैलाश पांडेय ने बताया कि इससे पहले 2007 के बाद सर्वाधिक बरसात 2021 में हुई थी. 2021 में मौसम विभाग के मानक के अनुसार 437.01 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई थी. वर्ष 2022 में भी अच्छी वर्षा हुई थी पर वह आंकड़ा इस बार के अगस्त आंकड़े के मुकाबले आधे से थोड़ा ही अधिक था.

बीते छह वर्ष के आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि 2019 अगस्त में मात्र 77 मिमी वर्षा हुई थी, जो औसत से 81 प्रतिशत कम थी. वहीं 2021 में औसत से 15 प्रतिशत अधिक यानी 437.1 मिलीमीटर वर्षा हुई थी. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक ये दर्शाता है कि प्रदूषण के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन की कारण ऐसा हो रहा है.

पिछले छह वर्ष में अगस्त माह में हुई वर्षा का रिकॉर्ड

  • वर्ष 2018 – 366.0 मिलीमीटर वर्षा

  • वर्ष 2019 – 71.0 मिलीमीटर वर्षा

  • वर्ष 2020 – 127.1 मिलीमीटर वर्षा

  • वर्ष 2021 – 437.1 मिलीमीटर वर्षा

  • वर्ष 2022 – 260.9 मिलीमीटर वर्षा

  • वर्ष 2023 – 489.6 मिलीमीटर वर्षा

गोरखपुर में चार दिन पूर्व हुई बारिश के बाद अभी तक बादल नहीं बरसे हैं. धूप निकलने की वजह से लोग उमस भरी गर्मी से परेशान है. अगर आंकड़े की बात करें तो गुरुवार को अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो और सबसे तीन डिग्री सेल्सियस अधिक है.

वहीं न्यूनतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस रहा जो औसत से दो डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड हुआ है. मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल 3 सितंबर तक ऐसी ही स्थिति देखने को मिलेगी. 4 सितंबर से फिर मानसूनी वर्षा के आसार हैं, हालांकि तेज बारिश की संभावना नहीं है.

रिपोर्ट–कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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