आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज को औरंगजेब ने 99 दिन तक रखा था बंदी, जानें रोचक कहानी
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी किले में हुआ था. अपने शौर्य और साहस से मुगलिया सल्तनत को घुटनों पर लाने वाले शिवाजी महाराज का आगरा से भी गहरा नाता था.
Agra News: छत्रपति शिवाजी की जयंती हर साल 19 फरवरी को पूरे देश में मनायी जाती है. शिवाजी हिन्दू राष्ट्र बनाने के आंदोलन के अग्रणी थे. उन्होंने कई बार मुगल और ब्रिटिश साम्राज्य से भी लोहा लिया और उन्हें धूल चटाई. शिवाजी का कार्यकाल अधिकतम महाराष्ट्र का रहा. वहीं आगरा में भी शिवाजी द्वारा कुछ समय बिताया गया. आइए जानते हैं इस बारे में…
19 फरवरी 1630 को हुआ शिवाजी का जन्मछत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी किले में हुआ था. अपने शौर्य और साहस से मुगलिया सल्तनत को घुटनों पर लाने वाले शिवाजी महाराज का आगरा से भी गहरा नाता था. 11 मई 1666 को जब शिवाजी महाराज अपने पुत्र संभाजी के साथ आगरा के लाल किला पहुंचे थे. उस वक्त आगरा में औरंगजेब का शासनकाल था. आगरा में शिवाजी महाराज को उचित सम्मान नहीं मिला, जिसकी वजह से उन्होंने औरंगजेब का अपमान किया. अपमान का बदला लेने के लिए औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को कैद कर लिया. आगरा के इसी किले में शिवाजी महाराज 99 दिनों तक बंदी रहे.
छत्रपति शिवाजी महाराज का आगरा से महत्वपूर्ण इतिहास जुड़ा हुआ है. इसी इतिहास को संजोये रखने के लिए आगरा विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के द्वारा लाल किले के सामने लगी शिवाजी महाराज की प्रतिमा को गोद ले रखा है. उस प्रतिमा की देखरेख, साफ सफाई का पूरा जिम्मा आगरा विश्वविद्यालय के पास है. इस प्रतिमा के चारों तरफ शिवाजी महाराज के आगरा से जुड़े इतिहास के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए शिलालेख लगाए गए हैं.
शिलालेख में 1666 की जगह 1966 लिखा हैइन शिलालेखों पर लिखा हुआ है कि शिवाजी महाराज आगरा में कब आए और कब तक वे यहां पर रुके थे. लेकिन उनमें से एक शिलालेख पर उनके आगरा आने की तिथि को गलत लिखा गया है. 11 मई 1666 को शिवाजी महाराज आगरा आए थे, लेकिन उस शिलालेख पर 1966 लिखा हुआ है जो कि अभी तक ठीक नहीं हुआ.
आगरा में धूमधाम से मनाया जाता है शिवाजी महाराज का जन्मदिनआगरा में शिवाजी महाराज के जन्मदिन को धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन शिवाजी महाराज की प्रतिमा को चारों तरफ से फूल और रंग बिरंगी लाइटों से सजा दिया जाता है. शिवाजी महाराज की प्रतिमा को देखने के लिए रोजाना पर्यटक आते हैं. क्योंकि यह प्रतिमा ठीक लाल किले के सामने है तो इस प्रतिमा की खूबसूरती और देखते ही बनती है.
शिलालेख पर गलत लिखा है वर्षयह प्रतिमा आगरा से जुड़े हुए शिवाजी के इतिहास को दर्शाती है. लेकिन शिलालेख पर दिनांक और वर्ष गलत होने से लोगों को गलत जानकारी मिल रही है. यहां घूमने आए पर्यटक ने भी कहा है कि इस गलती को जल्द से जल्द ठीक किया जाए जिससे लोगों को सही जानकारी मिले.
रिपोर्ट- राघवेंद्र सिंह गहलोत, आगरा