Australia Open: पीवी सिंधू और किदांबी श्रीकांत बाहर, सेमीफाइनल में एचएस प्रणय का सामना प्रियांशु राजावत से
अनुभवी पीवी सिंधू और किदांबी श्रीकांत ऑस्ट्रेलिया ओपन से बाहर हो गये हैं. वहीं, एचएस प्रणय और प्रियांशु राजावत सेमीफाइनल में जगह बनाने में कामयाब हो गये हैं. सेमीफाइनल में दोनों भारतीय स्टार आपस में भिड़ेंगे. इससे एक बात पक्की हो गयी है कि एक भारतीय खिलाड़ी फाइनल खेलेगा.
सिडनी : दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पी वी सिंधू ऑस्ट्रेलिया ओपन बैडमिंटन महिला एकल क्वार्टर फाइनल में अमेरिका की बेवेन झांग से सीधे गेम में हारकर बाहर हो गई लेकिन एच एस प्रणय और युवा प्रियांशु राजावत ने जीत के साथ अंतिम चार में जगह पक्की की. पुरुष एकल के सेमीफाइनल में प्रणय और राजावत एक दूसरे के आमने-सामने होंगे, जिससे टूर्नामेंट के फाइनल में किसी भारतीय की उपस्थिति सुनिश्चित हो गयी. ऑरलियन्स मास्टर्स चैंपियन राजावत ने हमवतन किदांबी श्रीकांत को एकतरफा क्वार्टर फाइनल में 21-13, 21-8 से हराकर पहली बार सुपर 500 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल जगह बनायी.
प्रणय ने दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी को हराया
दुनिया के नौवें नंबर के खिलाड़ी एचएस प्रणय को हालांकि दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी इंडोनेशिया के एंथोनी सिनिसुका जिंटिंग के खिलाफ एड़ी-चोटी का जोड़ लगाना पड़ा. उन्होंने 73 मिनट तक चले मुकाबले के शुरुआती गेम में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 16-21, 21-17, 21-14 से कड़ी जीत हासिल की. पिछले कई टूर्नामेंटों से शुरुआती दौर में ही बाहर होने के कारण विश्व रैंकिंग में 17वें स्थान पर खिसकी सिंधू को दुनिया की 12वें नंबर की खिलाड़ी झांग ने 39 मिनट में 21-12, 21-17 से हरा दिया.
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अमेरिकी खिलाड़ी से हारीं सिंधू
पिछले दस मुकाबलों में सिंधू ने झांग को छह बार हराया है लेकिन चीनी मूल की इस अमेरिकी खिलाड़ी से आज पार नहीं पा सकी. सिंधू ने हमवतन अष्मिता चालिहा और आकर्षि कश्यप को पहले दो दौर में हराया था लेकिन झांग से हार निराशाजनक रही. अब वह 21 से 27 अगस्त तक डेनमार्क के कोपेनहेगन में विश्व चैंपियनशिप खेलेंगी. विश्व चैंपियनशिप 2019 विजेता सिंधू चोट से उबरने के बाद से खराब फॉर्म से गुजर रही हैं. वह इस साल 12 बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर टूर्नामेंटों में से सात में जल्दी बाहर हो गई.
कड़े मुकाबले में जीते प्रणय
साल की शुरुआत में उन्होंने कोरिया के पार्क ताए सांग से नाता तोड़कर कुछ समय साइ की कोच विधि चौधरी के साथ काम किया. अब उनके साथ नये कोच मोहम्मद हफीज हाशिम हैं जो 2003 आल इंग्लैंड चैम्पियन रह चुके हैं. प्रणय और जिंटिंग के बीच मुकाबला शुरू से बराबरी का था. पहले गेम की शुरुआत में दोनों 2-2 की बराबरी पर थे. दोनों खिलाड़ियों के बीच पिछले मुकाबले (ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप) में प्रणय को शिकस्त मिली थी. जिंटिंग ने शानदार रैलियों से छठी वरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी पर दबदबा बनाये रखा और ब्रेक तक 11-6 की बढ़त बना ली.
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शानदार लय में दिखे प्रणय
प्रणय ने इसके बाद कुछ अंक जुटाए लेकिन वह इसके अंतर को पाटने में विफल रहे. दूसरे गेम में भी दोनों के बीच कड़ा संघर्ष जारी रहा. स्कोर के 9-9 की बराबरी पर था लेकिन प्रणय ने ब्रेक पर जाने से पहले दो अंक की बढ़त बना ली. उन्होंने शानदार लय को जारी रखते हुए अपनी बढ़त को 14-9 किया लेकिन जिंटिंग इस अंतर को कम कर 12-15 कर दिया. भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद लगातार अंक जुटाकर सात गेम प्वाइंट हासिल किया. उन्होंने हालांकि चार गेम प्वाइंट गंवा दिया लेकिन पांचवें में कोई गलती नहीं की जिससे मुकाबला निर्णायक गेम में खींच गया.
सेमीफाइनल में प्रणय और राजावत का मुकाबला
प्रणय ने तीसरे गेम में 4-0 की बढ़त के साथ अच्छी शुरुआत की लेकिन जिंटिंग इसे 7-8 करने में सफल रहे. भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि ब्रेक के समय 11-7 और ब्रेक के बाद 15-8 की बढ़त कर ली. जिंटिंग ने लगातार पांच अंक बटोर के मुकाबले में रोमांच को बनाये रखा. प्रणय ने हालांकि इसके बाद अपने खेल के स्तर को ऊंचा किया और शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी को शिकस्त दे दी. प्रणय दुनिया के 31वें नंबर के राजावत के खिलाफ 1-0 की बढ़त के साथ सेमीफाइनल में उतरेंगे, जिन्होंने उन्हें 2022 में सैयद मोदी इंटरनेशनल में हराया था.
मध्य प्रदेश के हैं राजावत
मध्य प्रदेश के 21 वर्षीय राजावत आठ साल की उम्र में पुलेला गोपीचंद की ग्वालियर अकादमी में शामिल हुए थे. उन्होंने पिछले एक साल में अपने खेल में काफी सुधार किया है. राजावत ने इस सत्र में जिंटिंग, जापान के कोडाई नाराओका और हमवतन लक्ष्य सेन से शीर्ष खिलाड़ियों को तीन गेम तक चले मुकाबले में कड़ी टक्कर दी है. अनुभवी और अंतरराष्ट्रीय सर्किट में तेजी से उभर रहे खिलाड़ियों के बीच मुकाबले में राजावत ने पहले गेम के ब्रेक तक 11-6 की बढ़त के साथ श्रीकांत पर दबदबा बनाया.
राजावत से हारे श्रीकांत
ब्रेक के बाद विश्व रैंकिंग के पूर्व शीर्ष खिलाड़ी ने अगले सात में से पांच अंक जीतकर इस बढ़त को 11-13 किया. राजावत ने इसके बाद लगातार चार अंक के साथ 19-13 की बढ़त बनायी और श्रीकांत इसे पाटने में सफल रहे. पहला गेम गंवाने के बाद श्रीकांत दबाव में आ गये और युवा खिलाड़ी ने उनपर 11-3 की बढ़त बना ली. श्रीकांत ने इसके बाद कुछ अंक जुटाए लेकिन वह कहीं से भी राजावत को टक्कर नहीं दे सके.