झारखंड में वायु प्रदूषण के कारण 5.8 वर्ष कम हो गयी लोगों की औसत आयु, जानें धनबाद का क्या है हाल

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चिह्नित देश के 132 नॉन एटेनमेंट/10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों का उल्लेख है. ये सभी नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत आते हैं. किसी शहर को नॉन एटेनमेंट का दर्जा संयुक्त राष्ट्र संघ के मानकों के अनुसार दिया जाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 4, 2023 1:00 PM

धनबाद, अशोक कुमार : धनबादवासियों की औसत आयु 6.3 वर्ष तक बढ़ सकती है, अगर यहां की वायु में मौजूद पीएम 2.5 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय मानक 10 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर पर रहे. इससे संबंधित एक रिपोर्ट शिकागो यूनिवर्सिटी के ऊर्जा नीति संस्थान ने जारी की है. 2021 के पीएम 2.5 के आंकड़ों के आधार पर पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र के प्रमुख शहरों पर जारी रिपोर्ट में झारखंड के तीन शहर शामिल हैं.

भारत के लोगों की औसत आयु 5.3 वर्ष हुई कम

इसमें धनबाद के अलावा रांची और जमशेदपुर भी हैं. झारखंड को लेकर इस रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में वायु प्रदूषण के कारण लोगों की जीवन प्रत्याशा 5.8 वर्ष कम हो गयी है. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर लोगों की औसत आयु 5.3 वर्ष कम हो गयी है. धनबाद के लोगों की जीवन प्रत्याशा में राज्य और राष्ट्रीय औसत से अधिक कमी आयी है.

  • शिकागो यूनिवर्सिटी ने वायु में मौजूद पीएम 2.5 के कारण पड़ने वाले प्रभाव का किया है अध्ययन

  • वायु प्रदूषण से धनबादवासियों की घट रही 6.3 साल औसत उम्र

  • दक्षिण एशिया क्षेत्र के प्रमुख शहरों पर जारी रिपोर्ट में झारखंड के धनबाद, रांची व जमशेदपुर शामिल

नॉन एटेनमेंट शहरों में बिहार के पटना, गया व मुजफ्फरपुर भी

इस रिपोर्ट में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चिह्नित देश के 132 नॉन एटेनमेंट/10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों का उल्लेख है. ये सभी नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत आते हैं. किसी शहर को नॉन एटेनमेंट का दर्जा संयुक्त राष्ट्र संघ के मानकों के अनुसार दिया जाता है. अगर कोई शहर लगातार पांच साल तक अपनी वायु गुणवत्ता को मेंटेन करने में विफल रहता है, तो उसे इस श्रेणी में रखा जाता है.

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बिहार के इन राज्यों की भी हालत खराब

इस श्रेणी में किसी शहर के होने का मतलब है कि वहां की वायु गुणवत्ता बेहद खराब है. झारखंड से धनबाद के अलावा, रांची और जमशेदपुर व पड़ोसी राज्य बिहार से पटना, गया व मुजफ्फरपुर शामिल हैं. हालांकि, इसमें धनबाद ही एक शहर है, जो नॉन एटेनमेंट सिटी का हिस्सा नहीं है. वर्ष 2021 में धनबाद में पीएम 2.5 का औसत स्तर 55.86 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर था.

पीएम 2.5 धनबाद के लिए चिंता का विषय

हाल तक वायु में अत्यधिक मात्रा में मौजूद पीएम 10 के कारण होने वाले प्रदूषण की वजह से धनबाद को जाना जाता था. 2020 तक धनबाद पीएम 10 के कारण प्रदूषित शहरों की सूची में देश के टॉप 10 शहरों में शामिल था. इसके बाद नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत धनबाद को इस सूची से निकालने के लिए पर्याप्त काम हुए. आज धनबाद के किसी भी क्षेत्र में पीएम 10 का स्तर तय मानक 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम है.

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धनबाद की स्थिति रांची और जमशेदपुर से बेहतर

आज इस मामले में धनबाद की स्थिति रांची और जमशेदपुर से अभी अच्छी है. लेकिन इस दौरान धनबाद के लिए पीएम 2.5 चिंता का सबब बन गया है. यह अब लगातार 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहा रहा है. रविवार की शाम सात बजे शहर के लुबी सर्कुलर रोड पर पीएम 2.5 का स्तर 64.62, आइआइटी आइएसएम के पास 61.38, कुसुम विहार में 60.26 और बिरसा मुंडा पार्क के पास 63.64 रिकॉर्ड किया गया. यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तय मानक 10 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर से काफी अधिक है.

जानें क्या है पीएम 2.5

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक पीएम 2.5, प्रदूषक कणों की उस श्रेणी को संदर्भित करता है. इनका आकार 2.5 माइक्रोन या उससे छोटा होता है. यह काफी महीन कण होता है. यह आसानी से सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच जाता है. इनकी वजह से गले में खराश, जलन और फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. मुख्य रूप से जंगल की आग, बिजली संयंत्रों और वाहनों के धुएं के कारण इनका स्तर बढ़ जाता है. धनबाद में हाल के वर्षों में वाहनों की बिक्री में लगातार इजाफा देखा जा रहा है.

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