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अवध में विराजे रघुराई : रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बजेगी ‘मंगल ध्वनि’, पीएम मोदी होंगे यजमान

पूजा विधि के जजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यह अनुष्ठान काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्य संपन्न करायेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2024 5:21 AM
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आज वह शुभ घड़ी आ गयी है, जिसका इंतजार देश के करोड़ों रामभक्तों को सैकड़ों वर्षों से था. प्रभु राम के बाल स्वरूप की झलक हम सबके सामने आ चुकी है. आज दोपहर रामलला नवनिर्मित राम मंदिर में अपने जन्मस्थान पर विराजेंगे. जन-जन के आराध्य प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा के इस ऐतिहासिक पल के लिए पूरा देश पलके बिछा कर इंतजार कर रहा है. आइए हम सब मिलकर प्रभु राम के पावन आगमन का स्वागत करते हैं.


सुबह 10 बजे से गूंजेगी मंगलध्वनि

सोमवार (22 जनवरी 2024) को प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्यूनतम विधि-अनुष्ठान रखे गये हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रातः काल 10 बजे से ‘मंगल ध्वनि’ का भव्य वादन होगा. विभिन्न राज्यों से 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र लगभग दो घंटे तक इस शुभ घटना का साक्षी बनेंगे.

10:30 बजे तक मेहमानों का होगा प्रवेश

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले अतिथियों को 10:30 बजे तक राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश करना होगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के द्वारा जारी की गयी प्रवेशिका के जरिये ही प्रवेश संभव है. केवल निमंत्रण पत्र से आगंतुक प्रवेश नहीं कर पायेंगे.

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प्राण प्रतिष्ठा की विधि 12:20 बजे से शुरू

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की विधि 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी. प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य पूजा अभिजीत मुहूर्त में की जायेगी. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला है. यह कार्यक्रम पौष माह के द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश में होगा. दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक अभिजीत मुहूर्त होगा. यह मुहूर्त सिर्फ 84 सेकंड का रहेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे यजमान

पूजा विधि के जजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यह अनुष्ठान काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्य संपन्न करायेंगे. इस दौरान 150 से अधिक परंपराओं के संत-धर्माचार्य और 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तटवासी, द्वीपवासी, जनजातीय परंपराओं की भी उपस्थिति होगी.

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रामलला के सिंहासन को 125 कलश सरयू नदी के जल से धोया जायेगा

प्राण प्रतिष्ठा में सिर्फ एक दिन का समय रह गया है और रामलला के सिंहासन को सरयू नदी के जल के 125 कलश से धोया जायेगा और फिर रामलला का मध्याधिवास होगा और शाम को शैयाधिवास का अनुष्ठान होगा और इसके बाद 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी.

प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी, योगी आदित्यनाथ का संबोधन

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम दोपहर एक बजे तक पूरा हो जायेगा. सभी पूजा विधि समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत संदेश देंगे. वहीं, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास आशीर्वाद देंगे.

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‘राम ज्योति’ से शाम में दीपावली

प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूर्ण होने के उपरांत ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित कर दीपावली मनायी जायेगी. शाम को अयोध्या 10 लाख दीपों से जगमगायेगी. इसके साथ ही मकानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और पौराणिक स्थलों पर ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित की जायेगी. अयोध्या में सरयू नदी के तटों की मिट्टी से बने दीपों से रोशन होगी. रामलला के मंदिर, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, सरयू तट, लता मंगेशकर चौक, मणिराम दास छावनी समेत 100 मंदिरों, प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर दीप प्रज्ज्वलित किये जायेंगे.

पांच हजार किलो से अधिक सामग्री से तैयार किया गया महाप्रसाद

श्रीराम जन्भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मार्गदर्शन में गुजरात की भगवा सेना भारती गरवी गुजरात व सन्त सेवा संस्थान की ओर से महाप्रसाद तैयार किया जा रहा है, जिसे प्राण प्रतिष्ठा कार्यकम के बाद मेहमानों को वितरित किया जायेगा. संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल भाई रावल ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से उन्हें तीन दायित्व सौंपे गये हैं. इसके तहत उन्हें महाप्रसाद तैयार करने के साथ संतों के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया है. इस पैकेट में दो लड्डू, सरयू नदी का जल, अक्षत, सुपारी की थैली और कलावा होगा.महाप्रसाद के पैकेट को सनातनी परंपरा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.

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राम मंदिर पर फहराया जायेगा खास ध्वज

राम मंदिर पर फहराए जाने वाले खास ध्वज को मध्य प्रदेश के रीवा में तैयार किया गया है. इस ध्वज पर सूर्य के साथ खास कोविदार वृक्ष को अंकित किया गया है. दरअसल, सूर्य भगवान राम के वंश (सूर्यवंशी) को दर्शाता है. वहीं, माना जाता है कि किसी समय में कोविदार वृक्ष अयोध्या साम्राज्य की शक्ति और संप्रभुता का प्रतीक था. जिस प्रकार बरगद भारत का राष्ट्रीय वृक्ष है, उसी प्रकार कोविदार वृक्ष अयोध्या का राजवृक्ष था. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के अयोध्या शोध संस्थान के डायरेक्टर डॉ लवकुश द्विवेदी ने कोविदार वृक्ष को लेकर शोधकर्ता ललित मिश्रा को देशभर में वाल्मीकि रामायण पर बने चित्रों का अध्ययन करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही श्लोकों को भी अच्छी तरह से परखने को कहा. इस शोध में यह बात सामने आयी कि त्रेता युग में अयोध्या साम्राज्य के ध्वज पर कोविदार वृक्ष था.

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यहां देख सकते हैं लाइव

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण डीडी न्यूज और कई नेशनल चैनलों पर किया जायेगा. इसके अलावा डीडी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर भी इसका लाइव टेलिकास्ट देख सकते हैं. डीडी न्यूज ने अयोध्या में विभिन्न जगहों पर 40 कैमरे लगाये हैं, जिससे राम मंदिर मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का लाइव टेलिकास्ट होगा. समारोह का प्रसारण अत्याधुनिक 4k तकनीक में किया जायेगा.

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