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अवधेश सिंह हत्याकांड: मुख्तार अंसारी के खिलाफ गवाही देने कोर्ट पहुंचे अजय राय, प्रशासन पर लगाया ये आरोप

कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय राय आज 31 साल पुराने अवधेश सिंह हत्याकांड मामले में गवाही देने के लिए वह कचहरी पहुंचे थे. उन्होंने इस दौरान जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए.

By Prabhat Khabar News Desk | January 21, 2022 5:49 PM

Awadhesh Singh murder case : कांग्रेस के दिग्गज नेता और पिंडरा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय ने मुख्तार अंसारी से 31 साल पुराने अवधेश सिंह हत्याकांड (Awadhesh Singh murder case) में बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के खिलाफ गवाही देने के लिए कचहरी पहुंचे थे. कांग्रेस के नेता अजय राय ने इस दौरान कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से सुरक्षा नहीं दिया जाना, न्यायलय के आदेश का अपमान है.

अजय राय ने कोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि कोर्ट में लगातार मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. इसमे प्रमुख गवाहों की गवाही चल रही है. ये पहले प्रयागराज में चल रही थी. लेकिन अभी वाराणासी में हो रही है. नव गठित विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए सियाराम चौरसिया ने गवाही के लिए सुरक्षा देने का आदेश दिया था. मुख्तार अंसारी के खिलाफ गवाही देने के लिए कोर्ट में आने को लेकर कोर्ट ने सुरक्षा प्रदान करने का आदेश पुलिस कमिश्नर वाराणसी को दिया है. बावजूद मुझे कोई भी सुरक्षा नहीं मिली. यह न्यायलय का सरासर अपमान है.

उन्होंने कहा कि आज हमलोग कोर्ट में पेश हुए है. जज साहब के समक्ष, ये विचारणीय है कि कोर्ट के स्पेशल आदेश के बावजूद यदि हमलोग को सुरक्षा नहीं दी गई है, तो उसपर क्या कहा जाए. पता नहीं यह सब किसके आदेश के अनुसार हो रहा है. मैं इसपर इतना ही कहूंगा कि निश्चित तौर पर यह एक असवेदनशील मामले के रूप में सामने आ रहा है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश स्वरूप यह कहा गया है कि इस केस में जो भी गवाह हैं, उनको पूरी सुरक्षा दी जाए. उसके बावजूद ऐसा करना न्याय व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है.

फिलहाल अभी चुनाव का समय चल रहा है और इस वक्त मैं पिंडरा से प्रत्याशी भी हुं. इस समय में भी मैं कोर्ट की आज्ञा का पालन करते हुए यहां आ रहा हुं. अपनी जान को जोखिम में डालकर यहां आ रहे हैं. एक लड़ाई लड़ रहे हैं, न्याय के लिए यदि इसके बावजूद सुरक्षा नहीं दी जा रही हैं, तो ये कही से भी उचित नहीं है और न्यायलय के आदेश की अवहेलना भी है.

रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी

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