अयोध्‍या में इस जगह नहीं है प्रभु श्रीराम-लक्ष्‍मण की मूर्ति, होती है भरत और शत्रुघ्‍न की पूजा, जानें लोकेशन

Ayodhya Ram Mandir, Raja Dashrath Samadhi: राम लला प्राण की प्रतिष्ठा में अब मात्र 11 दिन शेष बचे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं अयोध्या में एक मात्र ऐसी जगह है जहां पर राम-लक्ष्मण की मूर्ति नहीं है बल्कि भरत-शत्रुघ्न की मूर्तियां रखी गई हैं. आइए जानते हैं विस्तार से.

By Shweta Pandey | January 11, 2024 3:13 PM
undefined
अयोध्‍या में इस जगह नहीं है प्रभु श्रीराम-लक्ष्‍मण की मूर्ति, होती है भरत और शत्रुघ्‍न की पूजा, जानें लोकेशन 6

Ayodhya Ram Mandir, Raja Dashrath Samadhi: अयोध्या में रामलला को लेकर तैयारियां जोरों पर है. यहां राम मंदिर के गर्भगृह में 22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति स्थापित होगी. राम लला प्राण की प्रतिष्ठा में अब मात्र 11 दिन शेष बचे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं अयोध्या में एक मात्र ऐसी जगह है जहां पर राम-लक्ष्मण की मूर्ति नहीं है बल्कि भरत-शत्रुघ्न की मूर्तियां रखी गई हैं. आइए जानते हैं विस्तार से.

अयोध्‍या में इस जगह नहीं है प्रभु श्रीराम-लक्ष्‍मण की मूर्ति, होती है भरत और शत्रुघ्‍न की पूजा, जानें लोकेशन 7
अयोध्या में कहां नहीं है राम और लक्ष्मण की मूर्ति

यूपी की अयोध्या में एक ऐसा भी जगह है जहां भगवान राम और लक्ष्मण की मूर्ति नहीं है. जी हां अपने सही सुना. दरअसल राजा दशरथ का अंत्येष्टि स्थल अयोध्या-आज़मगढ़ रोड पर पूरा बाजार क्षेत्र में स्थित है. जो कि अयोध्या से इसकी दूरी 12 किलोमीटर है. यहां पर राम और लक्ष्मण की मूर्ति नहीं है. बल्कि भरत और शत्रुध्न की मूर्ति विराजमान है.

Also Read: IRCTC Odisha Tour: फरवरी में फियांसे के साथ बनाएं ओडिशा घूमने का प्लान, आईआरसीटीसी लाया है किफायती टूर पैकेज
अयोध्‍या में इस जगह नहीं है प्रभु श्रीराम-लक्ष्‍मण की मूर्ति, होती है भरत और शत्रुघ्‍न की पूजा, जानें लोकेशन 8
क्या है इसके पीछे का कारण

गौरतलब है कि जब राजा दशरथ का अंतिम संस्कार किया जा रहा था. उस समय उनके दोनों पुत्र राम और लक्ष्‍मण अपने पिता को दिए हुए वचन के अनुसार वन में थे.

अयोध्‍या में इस जगह नहीं है प्रभु श्रीराम-लक्ष्‍मण की मूर्ति, होती है भरत और शत्रुघ्‍न की पूजा, जानें लोकेशन 9

भरत और शत्रुघ्‍न ने ही राजा दशरथ का अंतिम संस्‍कार किया. इसलिए अयोध्या-आज़मगढ़ रोड पर पूरा बाजार में स्थित मंदिर में एक स्माधि स्थल बनाई गई है, जहां राजा दशरथ के दोनों तरफ भरत और शत्रुघ्‍न की ही मूर्तियां स्थापित की गईं हैं. इस मंदिर में प्रभु राम की मूर्ति नहीं है. हालांकि दशरथ के चारों पुत्र की चरण पादुकाएं यहां रखी गई हैं. इसके अलावा इस मंदिर में प्रभु राम की वंशावली भी रखी गई है.

Also Read: नेपाल और भूटान घूमने का बना रहे हैं प्लान तो आधार नहीं इन आईडी का करें इस्तेमाल, वरना लौटा दिए जाएंगे

Next Article

Exit mobile version