अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन दिसंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद साकार हो रहा है.
आपको बता दें कि छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ था. उस समय देश के पीएम नरसिम्हा राव थे.
बाबरी मस्जिद विध्वंस को 28 साल गुजर चुके हैं. इसे लेकर अखबारों ने भी विशेष कवरेज किया था. हिंदी और अंग्रेजी के तमाम बड़े अखबारों ने उस घटना को प्रमुखता से शब्दों में उतारा था. आइये देखते हैं.
फरवरी 1986 में जिला मजिस्ट्रेट ने विवादित स्थल के दरवाजे से ताला खोलने के आदेश दिए थे. इस खबर ने अखबार की सुर्खियां बटोरी और इसके बाद ही विरोध में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया गया था.
दूसरी तरफ नवंबर 1989 में विश्व हिंदू परिषद ने मस्जिद से थोड़ी दूर राम मंदिर का शिलान्यास किया था. यह खबर भी अखबारों की सुर्खियां बटोरी थी.
एक अखबार ने छह दिसंबर तक की अयोध्या दिन-दिन चढ़ते तेवर के साथ उस वक्त की अयोध्या नगरी के तेवर पर फोटो कैप्शन लिखा था.
वहीं, कारसेवकों को घेरने की खबर भी प्रकाशित की गयी थी. इस खबर में सारी घटनाओं का आंखों देखा हाल कैद किया गया था. मस्जिद विध्वंस के पहले और बाद के हालात को अखबारों में प्रमुखता से जगह दी गयी थी
बाबरी मस्जिद विध्वंस और केंद्र सरकार के कल्याण सिंह सरकार को बर्खास्त करने की खबर हेडलाइन बनी.
मस्जिद विध्वंस के बाद आंदोलन से जुड़े बड़े नेताओं की गिरफ्तारी की खबरें भी प्रकाशित की गयी.
अखबारों ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद देश के हालात को लेकर भी आर्टिकल पब्लिश की.
आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया.
कोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित जमीन को राम लला विराजमान को देने का आदेश दिया. मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का फैसला सुनाया गया.
सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तीन माह के भीतर ट्रस्ट बनाने का आदेश भी दिया गया.
आज 5 अगस्त की तारीख भी आ गयी, जब राम मंदिर भूमि पूजन के लिए नींव रखी जायेगी.
Posted By : Sumit Kumar Verma