अयोध्या: मंदिर निर्माण के तीन साल पूरे, रामलला 21 से 23 जनवरी के बीच होंगे विराजमान, सीएम योगी ने कही ये बात
राम मंदिर निर्माण का तीन वर्षों का सफर 5 अगस्त को पूरा हो गया. भूमि पूजन से शुरू हुआ ये सफर वर्तमान में प्रथम तल के निर्माण तक पूरा हो चुका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर शिलान्यास के तीन साल पूरे होने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी.
Ayodhya: रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही अब प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां तेज हो गई हैं. आज के ही दिन तीन साल पहले 5 अगस्त 2020 को रामलला के मंदिर के निर्माण का शिलान्यास किया गया था. कोरोना की विभीषक के बीच इसकी शुरुआत की गई थी. तब से लेकर अयोध्या में कई बदलाव हो गए हैं. रामलला का भव्य मंदिर आकार लेने लगा है.
जनवरी 2024 से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
इन तीन सालों में राम मंदिर का लगभग 65 फीसदी काम पूरा हो चुका है. 161 फीट ऊंचे तीन मंजिला राममंदिर के भूतल का काम पूरा हो चुका है. रामलला का गर्भगृह बनकर तैयार है तो प्रथम तल के स्तंभों को भी लगाने का काम प्रारंभ कर दिया गया है. प्रथम तल पर रामदरबार की स्थापना होगा. वहीं जनवरी 2024 में राममंदिर भक्तों के लिए खुल जाएगा. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा मकर संक्रांति के पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था भूमिपूजन
अयोध्या में राम का धाम तीन फेज में तैयार कराने का निर्णय किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया था. 5 अगस्त 2020 को इस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और अन्य साधु-संतों की उपस्थिति में राम मंदिर का शिलान्यास किया गया था. इसके बाद से मंदिर निर्माण की प्रक्रिया जारी है. अब इस शिलान्यास के तीन साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन पलों को याद किया है.
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर शिलान्यास के तीन साल पूरे होने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी. उन्होंने दोहा लिखा, राम ब्रह्म चिनमय अबिनासी, सर्ब रहित सब उर पुर बासी. साथ ही संदेश में कहा कि अयोध्या में निर्माणाधीन प्रभु श्रीराम के भव्य-दिव्य मंदिर के भूमिपूजन की वर्षगांठ पर सभी प्रदेश वासियों और रामभक्तों को हार्दिक बधाई. यह पावन दिन युगों-युगों तक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक रहेगा. सीएम योगी के अलावा यूपी सरकार के कई मंत्रियों ने भी इस दिन को अपने-अपने तरीके से याद किया.
15 जनवरी से शुरू हो जाएगा अनुष्ठान कार्यक्रम
रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही अब प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां तेज हो गई हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 15 जनवरी 2024 से शुरू हो जाएगा. वहीं 21 से 23 जनवरी के बीच रामलला के विग्रह का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किए जाने की संभावना है. इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रण की भेजा जा चुका है.
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के मुताबिक मुख्य कार्यक्रम गैर राजनीतिक रखा जाएगा. इसमें सनातन संस्कृति की विविध धाराओं से संबंधित 25 हजार से अधिक धार्मिक विभूतियों को आमंत्रित करने की योजना बनाई है. ट्रस्ट द्वारा ऐसे संतों की एक सूची तैयार की जा रही है और जल्द ही उन्हें ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के हस्ताक्षर के साथ एक निमंत्रण पत्र भेजा जाएगा.
दो महीने तक उत्सव के माहौल में डूबी रहेगी अयोध्या
खास बात है कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले दिसंबर से ही रामनगरी अयोध्या अलग रूप में नजर आने लगेगी. यहां का कोना कोना राममय होगा. रामनगरी दो महीने तक उत्सव के माहौल में डूबी रहेगी. इस दौरान विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. प्राण प्रतिष्ठा के दिन और उसके बाद फरवरी तक रामलला के दर्शन करने वाले वाले प्रत्येक भक्त को प्रसाद मिल सके इसकी व्यवस्था की जा रही है. हर दिन एक लाख भक्तों के लिए प्रसाद बनेगा और बंटेगा.
दिसंबर से शुरू हो जाएंगे धार्मिक आयोजन
जानकारी के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा से पहले दिसंबर 2023 से मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 तक की अवधि में अयोध्या में सांस्कृतिक, आध्यात्मिक राममय वातावरण बनाने लिए प्रयास चल रहा है. इसके लिए पूरी अयोध्या को इस तरह सजाया जाएगा कि प्रवेश करते ही रामायण युग की अनुभूति हो. जगह-जगह मंच सजाकर संस्कृति विभाग की टीमें रामलीला मंचन लोक कलाओं की प्रस्तुतियां देंगें. मंदिरों में कथा, प्रवचन, सामूहिक सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ आदि का आयोजन होगा.
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आने वाले भक्तों की बनाई जा रही श्रेणी
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव ऐतिहासिक बनाने के संबंध में हर 15 दिन पर बैठक की जाती है. बैठक का सिलसिला अप्रैल माह से ही शुरू कर दिया गया है. अब 9 अगस्त, 25 अगस्त व 8 सितंबर को फिर बैठक होगी. ट्रस्ट के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आने वाले भक्तों की श्रेणी निर्धारित की जा रही हैं. कुछ भक्त सुबह आएंगे और शाम को लौट जाएंगे. कुछ अयोध्या में अपने गुरु स्थानों पर रुकेंगे. कुछ धर्मशाला व होटल में किराया देकर रहेंगे. कुछ ऐसे भक्त होंगे जो मध्यम श्रेणी के हैं, ऐसे करीब 25 हजार भक्तों के रुकने, खाने आदि के इंतजाम ट्रस्ट द्वारा किए जाएंगे.
अलग-अलग तिथियों में राज्यों को किया जाएगा आमंत्रित
गणतंत्र दिवस 2024 से देश के भिन्न-भिन्न राज्यों को अयोध्या आने के लिए तिथियां निर्धारित की जाएंगी. उन्हीं तिथियों पर उन राज्यों से भक्त आएं यह प्रयास रहेगा. अलग-अलग भाषाओं के भक्तों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए संबंधित राज्यों के महिला व पुरुष की टीमें बनाईं जा रही हैं. दस सदस्यीय टीम दो महीने तक अयोध्या में रहेगी और अपने-अपने राज्यों के भक्तों का मार्गदर्शन करेगी.
परिसर के अंदर की तैयारियों पर बाद में निर्णय
बताया जा रहा है कि 70 एकड़ के भीतर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर किए जाने वाली तैयारियों के बारे में अभी विचार नहीं हुआ है. शासन स्वयं करेगा, ट्रस्ट की भागीदारी रहेगी या केवल ट्रस्ट करेगा. राममंदिर के भूमिपूजन पर 5 अगस्त के परिसर के भीतर का आर्थिक दायित्व शासन व ट्रस्ट ने आपस में मिलकर वहन किया था. 70 एकड़ परिसर के बाहर की जाने वाली सभी व्यवस्थाओं एवं सभी कार्यों का आर्थिक दायित्व स्वाभाविक रूप से श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र वहन करेगा.