18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Ayodhya Ram Mandir: तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाई गई रामलला की मूर्ति, अब इस नाम से जाने जाएंगे

मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तराशी गई 51 इंच की इस मूर्ति को तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया है. नीले रंग की कृष्णा शिल (काली शिस्ट) की खुदाई मैसूर के एचडी कोटे तालुका में जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से की गई थी.

अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला विराजमान हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार को की गई. उसके बाद मंगलवार से आम लोगों के दर्शन के लिए मंदिर को खोल दिया गया. इधर प्राण-प्रतिष्ठा के एक दिन बाद रामलला के नाम को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े एक पुजारी ने दावा किया है कि रामलला को अब ‘बालक राम’ के नाम से जाना जाएगा.

पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया, रामलला का नया नाम

रामलला के नये नाम का खुलासा प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े एक पुजारी अरुण दीक्षित ने किया. उन्होंने पीटीआई के साथ बातचीत में बताया, भगवान राम की मूर्ति, जिसका अभिषेक 22 जनवरी को किया गया था, का नाम ‘बालक राम’ रखा गया है. भगवान राम की मूर्ति का नाम ‘बालक राम’ रखने का कारण यह है कि वह एक बच्चे की तरह दिखते हैं, जिनकी उम्र पांच साल है.

Also Read: Video: राम मंदिर में विराजे भगवान, गर्भ गृह में पूरा हुआ पूजा-अनुष्ठान

रामलला की मूर्ति देख रोने लगे पुजारी अरुण दीक्षित

पुजारी अरुण दीक्षित ने रामलला के दर्शन के बाद अपना अनुभव शेयर किया. उन्होंने कहा, पहली बार जब मैंने मूर्ति देखी, तो मैं रोमांचित हो गया और मेरे आंखों से आंसू बहने लगे. उस समय मुझे जो अनुभूति हुई, उसे मैं बयां नहीं कर सकता.

पुरानी मूर्ति को नयी मूर्ति के सामने रखा गया

रामलला की पुरानी मूर्ति, जो पहले एक अस्थायी मंदिर में रखी गई थी, को नयी मूर्ति के सामने रखा गया है. लाखों लोगों ने अपने घरों और पड़ोस के मंदिरों में टेलीविजन पर ‘प्राण प्रतिष्ठा (अभिषेक)’ समारोह को देखा.

शोध के बाद तैयार किए गए रामलला के आभूषण और वस्त्र

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, रामलला के लिए आभूषण और वस्त्र गहन शोध के बाद बनाए गए हैं. आभूषण तैयार करने के लिए अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों के गहन शोध और अध्ययन किए गए. रामलला बनारसी वस्त्र धारण किए हैं जिसमें एक पीली धोती और एक लाल ‘अंगवस्त्रम’ है. अंगवस्त्र को शुद्ध सोने की जरी और धागों से तैयार किया गया है.

तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाई गई रामलला की मूर्ति

ट्रस्ट ने बताया कि मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तराशी गई 51 इंच की इस मूर्ति को तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया है. नीले रंग की कृष्णा शिल (काली शिस्ट) की खुदाई मैसूर के एचडी कोटे तालुका में जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से की गई थी. कृष्ण शिला रामदास (78) की कृषि भूमि को समतल करते समय शिला मिली थी और एक स्थानीय ठेकेदार, जिसने पत्थर की गुणवत्ता का आकलन किया था, ने अपने संपर्कों के माध्यम से अयोध्या में मंदिर के ट्रस्टियों का ध्यान आकर्षित किया.

अरुण योगीराज में बनाई रामलला की मूर्ति

अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति बनाई है. उन्होंने कहा, मैंने हमेशा महसूस किया है कि भगवान राम मुझे और मेरे परिवार को सभी बुरे समय से बचा रहे हैं और मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह वही थे जिन्होंने मुझे शुभ कार्य के लिए चुना था. लेकिन मुझे लगता है कि मैं पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं और आज मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन है. भव्य मंदिर के लिए राम लला की मूर्तियां तीन मूर्तिकारों – गणेश भट्ट, योगीराज और सत्यनारायण पांडे द्वारा बनाई गई थीं. मंदिर ट्रस्ट ने कहा है कि बाकी दो मूर्तियों को भी मंदिर के अन्य हिस्सों में रखा जाएगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें