Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या राम मंदिर निर्माण में बाधा डाल रहा वास्तुदोष, जानें ट्रस्ट ने क्या निकाली काट…
Ayodhya Ram Mandir : श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में बहुत ही तेजी से भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है. श्रीराम जन्मभूमि परिसर भूमि की रचना वास्तु के प्रतिकूल है. रामजन्म भूमि परिसर को वास्तुदोष से मुक्त करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इसके आस-पास की भूमि की खरीद करने में जुटा है.
Ayodhya Ram Mandir : श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में बहुत ही तेजी से भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है. श्रीराम जन्मभूमि परिसर भूमि की रचना वास्तु के प्रतिकूल है. रामजन्म भूमि परिसर को वास्तुदोष से मुक्त करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इसके आस-पास की भूमि की खरीद करने में जुटा है. जैसे जैसे भूमि की खरीदारी आगे बढ़ रही है. वैसे वास्तु संरचना भी ठीक होने लगी है. अब तक रामकोट में अलग-अलग भू स्वामियों से तकरीबन चार एकड़ जमीन की खरीदारी हो चुकी है.
श्रीराम मंदिर निर्माण में वास्तुदोष दूर करने के लिए परिसर के पूर्वोत्तर और पश्चिम दिशा में अधिक भूमि की तलाश की जा रही है. ट्रस्ट ने इसे प्राथमिकता के तौर पर लिया है. परिसर को भूमि खरीद से ही आयताकार और वर्गाकार आकार देना है. फिरहाल पांच एकड़ भूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की ढलाई का कार्य चल रहा है. विस्तारित क्षेत्र में तमाम प्रकल्प भी विकसित करने का प्रस्ताव है. इस विस्तार का जिम्मा ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र को दिया गया है.
ट्रस्ट ने की 30 करोड़ से सात एकड़ भूमि की खरीदारी
अब तक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने रामकोट राजस्व ग्राम में तकरीबन चार एकड़ सहित कुल सात एकड़ भूमि की खरीदारी की है. जिसमें तीन एकड़ एक अन्य राजस्व ग्राम बाग विशेषी में है. इसमें कुल 14 बैनामे हुए हैं. भूमि की खरीद पर ट्रस्ट ने लगभग 30 करोड़ खर्च किया है. भूमि का बैनामा तथा मंदिर की भूमि के लिए डीड हुई है.
अनुभवी इंजीनियर्स कर रहे है राम मंदिर निर्माण की निगरानी
राम मंदिर निर्माण कार्य की निगरानी अनुभवी इंजीनियर्स कर रहे है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देश के पांच शीर्ष व अनुभवी इंजीनियर्स को अलग से मॉनीटरिंग व कार्यदायी संस्थाओं के सहयोग की जिम्मेदारी सौंपी है. इन सभी का निवास भी जन्मभूमि परिसर में ही है. सभी संघ की पृष्ठभूमि वाले हैं. ये इंजीनियर्स अलग-अलग क्षेत्रों के मर्मज्ञ हैं.
जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी जगदीश आफले, तमिलनाड़ु के मदुरै निवासी कालीमुत्तु, अविनाश संगमनेरकर, दिल्ली निवासी सुदर्शन कुमार और पाइलिंग विशेषज्ञ राजेंद्र त्रिपाठी हैं. ये इंजीनियर्स ट्रस्ट व निर्माण समिति के संपर्क में रह कर निर्माण कार्यों के वस्तुस्थिति से उन्हें अवगत कराते हैं.
Posted by: Radheshyam Kushwaha