प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मंगलवार को अयोध्या के विवेक सृष्टि आश्रम में अनुष्ठान शुरू हो गये. वहीं, बुधवार को मंदिर परिसर में श्रीरामलला की मूर्ति की शोभायात्रा निकाली जायेगी. पहले दिन के अनुष्ठान में यजमान के रूप में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने धर्मपत्नी के साथ सांगोपांग सर्व प्रायश्चित्त किया तथा सरयू नदी में स्नान किया. विष्णुपूजन करके पञ्चगव्य एवं घी से होम कर पंचगव्यप्राशन किया. द्वादशाब्द पक्ष से प्रायश्चित स्वरूप गोदान किया. दशदान के पश्चात मूर्ति-निर्माण स्थान पर कर्मकुटी हवन किया. हवन के समय आचार्य वैदिकप्रवर लक्ष्मीकांत दीक्षित जी स्वयं उपस्थित रहे. मंडप में वाल्मीकि रामायण व भुशुण्डिरामायण का पारायणारंभ हुआ.
बुधवार को दोपहर 1:20 के पश्चात जलयात्रा, तीर्थपूजन, ब्राह्मण-बटुक-कुमारी -सुवासिनी पूजन, वर्धिनीपूजन, कलशयात्रा व भगवान श्री रामलला की मूर्ति का प्रासाद परिसर में भ्रमण होगा. मूर्ति को राम मंदिर में प्रवेश कराया जायेगा. इसके बाद हर दिन एक अधिवासिक अनुष्ठान होगा. इन सभी अधिवासों की समाप्ति के बाद 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी. पीएम नरेंद्र मोदी गर्भगृह में अपने हाथ से कुशा और श्लाका खींचेंगे. उसके बाद रामलला के प्राण प्रतिष्ठित हो जायेंगे. इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास, मोहन भागवत और डॉ अनिल मिश्र पत्नी के साथ गर्भगृह में उपस्थित रहेंगे.
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18 जनवरी- गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजा
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19 जनवरी- अग्नि स्थापना, नवग्रह स्थापना और हवन
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20 जनवरी- गर्भगृह को सरयू के पवित्र जल से धोया जायेगा. इसके बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास अनुष्ठान
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21 जनवरी- विग्रह को 125 कलशों से दिव्य स्नान कराया जायेगा, शैयाधिवास का अनुष्ठान
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22 जनवरी- सुबह रामलला के विग्रह की पूजा, दोपहर में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला का अभिषेक, पीएम के हाथों विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा
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