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अयोध्या: छात्रा की मौत के मामले में स्कूल प्रबंधक और छात्र गिरफ्तार, एसआईटी की जांच में हुआ ये खुलासा…

अयोध्या में छात्रा की मौत के मामले में स्कूल प्रबंधक और छात्र को गिरफ्तार किया गया है. एसआईटी जांच में छात्र पर खुदकुशी के लिए उकसाने और प्रबंधक पर सबूत मिटाने के आधार पर कार्रवाई की गई है. 27 मई को 10वीं की छात्रा की स्कूल की छत से गिरकर मौत हो गई थी. जांच में गैंगरेप-हत्या की पुष्टि नहीं हुई है.

Ayodhya: अयोध्या के चर्चित स्कूल सनबीम की हाईस्कूल की छात्रा की मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है. एसआईटी तहकीकात के बाद इस नतीजे पर पहुंची है कि छात्रा की हत्या नहीं हुई थी, बल्कि उसने खुदकुशी की थी. इसके साथ ही उसके साथ गैंगरेप भी नहीं हुआ था. मामले में छात्रा और एक स्कूल के छात्र के बीच प्रेम संबंध की बात सामने आई है. पुलिस ने छात्र को खुदकुशी के लिए प्रेरित करने और स्कूल प्रबंधक को साक्ष्य मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी, अयोध्या के मुताबिक मृतक छात्रा और स्कूल का एक छात्र एक दूसरे को पसंद करते थे. दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था. छात्रा ने इसका जिक्र अपने दोस्तों को व्हाट्सएप चैटिंग में भी किया है. आरोपी छात्र की मां सनबीम स्कूल में ही शिक्षिक हैं.

घटना के दिन जब छात्रा स्कूल पहुंची तब वह बेहद परेशान नजर आ रही थी. प्रधानाचार्य से मिलने के बाद वह सीढ़ियों के रास्ते छत पर गई और वहां से कूदकर खुदकुशी कर ली. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई थी. इसके साथ क्राइम सीन रिक्रिएशन की रिपोर्ट में भी आत्महत्या की बात सामने आई.

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक प्रबंधक बृजेश यादव पर साक्ष्य मिटाने का आरोप सही पाया गया है. जांच में सामने आया है कि उसने ही अपने स्टाफ को घटनास्थल पर पड़े खून के दाग निशान मिटाने के लिए कहा था.

एसएसपी के मुताबिक अभी तक की जांच में स्कूल की प्रधानाचार्य और खेल अध्यापक की भूमिका स्पष्ट नहीं हो सकी है. घटना में इनकी संलिप्तता के भी सबूत नहीं मिले है. प्रधानाचार्य घटना के बाद से ही गंभीर रूप से घायल छात्रा के साथ शाम तक उसकी मौत होने तक रही थीं. फिलहाल उनकी भूमिका नजर नहीं आ रही है. हालांकि दोनों के खिलाफ जांच जारी रहेगी.

इसके साथ ही एसआईटी जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं होने के बाद थाना कैंट पुलिस ने केस में धारा 302, 376 डी, 120 बी व पॉक्सो एक्ट की धाराओं को हटा दिया है. वहीं आरोपी छात्र पर धारा 305 और प्रबंधक बृजेश यादव पर धारा 201, 336 दर्ज किया गया है. आरोपी बृजेश को विशेष मजिस्ट्रेट व नाबालिग छात्र को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया. जहां से प्रबंधक को जेल व छात्र को बाल सुधार गृह भेज दिया गया.

इस बीच कहा जा रहा है कि मृतक छात्रा के परिजनों ने आरोपी छात्र के खिलाफ किसी तरह की तहरीर देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने पुलिस जांच पर विश्वास जताते हुए सबूतों और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करने की अपील की है.

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