आजम खान को वक्फ की प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे के केस में मिली जमानत, फिर भी रहेंगे जेल में, जानें क्यों?
अगस्त 2019 में लखनऊ में पत्रकार अल्लामा जमीर नकवी ने यह मुकदमा दर्ज कराया था. बाद में रामपुर के अजीम नगर थाने में यह मुकदमा ट्रांसफर हो गया था. इस मामले में पहले 4 दिसंबर 2021 को फैसला सुरक्षित हो गया था.
Prayagraj News: सपा नेता आजम खान जमानत मंजूर कर ली गई है. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है. सुनवाई पूरी होने के बाद जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने 5 मई को फैसला सुरक्षित कर लिया था. वक्फ बोर्ड की जमीन गलत तरीके से अपने पक्ष में कराने के मामले में यह केस दर्ज हुआ था.
कब और किसने दर्ज किया था केस?
बता दें कि अगस्त 2019 में लखनऊ में पत्रकार अल्लामा जमीर नकवी ने यह मुकदमा दर्ज कराया था. बाद में रामपुर के अजीम नगर थाने में यह मुकदमा ट्रांसफर हो गया था. इस मामले में पहले 4 दिसंबर 2021 को फैसला सुरक्षित हो गया था. मगर राज्य सरकार ने एक अर्जी दाखिल कर कुछ नए तथ्य पेश करने की मांग की थी. इसके बाद कोर्ट ने दोबारा मामले की सुनवाई शुरू की थी.
जमानत पाकर भी जेल में क्यों?
आजम खान के खिलाफ 88 मुकदमे दर्ज हैं. इस मामले को मिलाकर 87 मामलों में आजम खान की जमानत हो चुकी है मंजूर. तीन स्कूलों की फर्जी कागजात से मान्यता लेने के मामले में हाल में ही उन पर एक मुकदमा दर्ज हुआ है. सीतापुर जेल में बंद आजम खान को वारंट तामील करा दिया गया है. इसी वजह से इस मुकदमे की वजह से उन्हें जेल से रिहाई नहीं मिल सकेगी.