कानपुर: एचबीटीयू में 2024-25 से होगी बीफार्मा-बायोटेक की पढ़ाई, एकेडमिक काउंसिल में हुआ फैसला, जानें अहम बातें

मेलबर्न के वैज्ञानिकों के साथ अब आईआईटी कानपुर रिसर्च करेगा. संस्थान के वैज्ञानिक-छात्रों की टीम यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के वैज्ञानिक व छात्रों के साथ मिलकर एक रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करेंगे. इसे लेकर संस्थान के निदेशक प्रो. एस गणेश और मेलबर्न यूनिवर्सिटी के डीन के बीच एमओयू हुआ है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 1, 2023 4:30 PM
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Kanpur News: एचबीटीयू में अब बीटेक, एमटेक के अलावा बीफार्मा और बायोटेक की भी पढ़ाई होगी. सत्र 2024 से बीटेक इन बायोटेक और बीफार्मा में दाखिला लिया जाएगा. यह फैसला विवि की एकेडमिक काउंसिल में लिया गया. इसमें बीटेक इन बायोटेक में दाखिला जेईई मेंस या सीयूईटी के आधार पर लिया जाएगा. वहीं, बीफार्मा में प्रवेश के लिए सीयूईटी की योग्यता रखी गई है. बीफार्मा की कक्षा संचालित करने के लिए पीसीआई से अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. विवि में कुलपति प्रो. समशेर की अध्यक्षता में एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई, जिसमें नए कोर्सों पर सहमति बनी. बीटेक इन बायोटेक्नोलॉजी और बीफार्मा पाठ्यक्रम सत्र 2024-25 से शुरू होंगे. इन कोर्स में 60-60 सीटों पर दाखिला लिया जाएगा. डीन एकेडमिक ललित कुमार ने बताया कि इसके अलावा एनर्जी एंड इंवायरमेंट से इंटरडिस्प्लेनरी बीटेक का कोर्स भी शुरू किया जाएगा. केमिकल विभाग में संचालित होने वाले इस कोर्स को केमिकल, बायो केमिकल, सिविल, मैकेनिकल और ऑयल इंजीनियरिंग विभाग मिलकर मदद करेंगे. यह कोर्स भी सत्र 2024-25 से शुरू होगा. हालांकि, इसमें अभी प्रवेश के लिए सीटें निर्धारित नहीं है.उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत पीएचडी आर्डिनेंस भी लागू कर दिया गया है. छात्रों की सहूलियत के लिए स्टूडेंट एडवाइजरी रिसर्च कमेटी का गठन किया जाएगा.जो छात्रों के दाखिले से लेकर उनके पीएचडी कार्यकाल में मदद करेगी.

मेलबर्न संग रिसर्च करेगा आईआईटी

मेलबर्न के वैज्ञानिकों के साथ अब आईआईटी कानपुर रिसर्च करेगा. संस्थान के वैज्ञानिक व छात्रों की टीम यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के वैज्ञानिक व छात्रों के साथ मिलकर एक रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करेंगे. इसको लेकर संस्थान के निदेशक प्रो. एस गणेश और मेलबर्न यूनिवर्सिटी के डीन प्रो. मार्क कसिडि के बीच एमओयू हुआ है.

इस समझौते के तहत संस्थान ज्वाइंट डिग्री प्रोग्राम शुरू करेंगे, जिसमें छात्र दोनों संस्थानों में पढ़ाई करेंगे और उन्हें ज्वाइंट डिग्री भी मिलेगी. यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के वैज्ञानिकों की टीम संस्थान में बन रहे मेडिकल स्कूल में होने वाली रिसर्च में मदद करेगी. इससे दोनों संस्थानों के बीच स्टूडेंट एक्सचेंज और फैकल्टी एक्सचेंज समेत विभिन्न रिसर्च प्रोग्राम आयोजित कराए जाएंगे.

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