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विश्व भारती में बीए-एमए फर्स्ट सेमेस्टर की ऑनलाइन होगी परीक्षा, छात्रों के आंदोलन के आगे झुका प्रशासन

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छात्रों के 26 दिनों के लगातार विरोध-प्रदर्शन और आन्दोलन के बाद विश्वभारती प्रशासन ने छात्रों की मांगें मान ली है. खबर है कि प्रशासन की ओर से छात्रावास खोला जा रहा है और बीए-एमए के फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2022 1:01 PM

बोलपुर/पानागढ़ : पश्चिम बंगाल के बोलपुर स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय में अब स्नातक (बीए) और स्नातकोत्तर (एमए) के फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा ऑनलाइन ही होगी. छात्रों की ओर से करीब 26 दिनों तक किए गए लंबे आंदोलन के आगे विश्व भारती प्रशासन को झुकना पड़ा और उसने बीए-एमए के फर्स्ट सेमेस्ट की परीक्षा ऑनलाइन कराने की मांग को स्वीकार कर लिया है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किए गए इस फैसले के बाद आंदोलनरत छात्रों में खुशी का माहौल व्याप्त है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छात्रों के 26 दिनों के लगातार विरोध-प्रदर्शन और आन्दोलन के बाद विश्वभारती प्रशासन ने छात्रों की मांगें मान ली है. खबर है कि प्रशासन की ओर से छात्रावास खोला जा रहा है और बीए-एमए के फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी. विश्व-भारती अधिकारियों द्वारा विश्व-भारती के केंद्रीय पुस्तकालय में छात्र प्रतिनिधियों के साथ एक लंबी बैठक के बाद यह फैसला किया गया. मांग मानने के बाद विश्व भारती के छात्र-छात्राओं में खुशी फैल गई और केंद्रीय कार्यालय के समक्ष छात्र छात्राओं ने रात में ही जमकर होली खेला.

बताया जाता है कि छात्रावास और कैंटीन खोलने की मांग को लेकर छात्र छात्राओं ने कहा था विश्व भारती में पढ़ने के लिए दूर-दूर से छात्र आते हैं. इसके अलावा, स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के फर्स्ट सेमेस्टर की ऑनलाइन परीक्षा ली जानी चाहिए, क्योंकि पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है. इन दो मांगों को लेकर विश्वभारती में लगातार 26 दिनों से आंदोलन चल रहा था.

विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आंदोलनकारी छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय और बांग्लादेश भवन, कार्यकारी सचिव सहित अधिकारियों को दो चरणों में घेराव किया था. वही मांग को लेकर जुलूस, भूख हड़ताल, परीक्षा का बहिष्कार, तक छात्र छात्राओं द्वारा धरना प्रदर्शन के तहत किया गया था. नतीजतन, छात्र-छात्राओं के आंदोलन के कारण विश्व भर्ती स्तब्ध हो गया था.

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छात्र-छात्राओं के आंदोलन और घेराव के कारण विश्व भारती विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आशीष अग्रवाल और जनसंपर्क अधिकारी समेत कई प्राचार्यों ने आंदोलन के मद्देनजर इस्तीफा दे दिया था. गतिरोध को समाप्त करने के लिए विश्वभारती अधिकारियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया. हालांकि, आंदोलनकारी छात्र कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के फैसले के खिलाफ अड़े रहे. अंतत: विश्वविद्यालय प्रशासन को उनकी मांगें माननी पड़ीं.

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