Jharkhand News, धनबाद न्यूज : कांग्रेस के आधारस्तंभ, एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा भारत के प्रथम दलित उप-प्रधानमंत्री एवं श्रम मंत्रालय, संचार मंत्रालय, रेल मंत्रालय एवं रक्षा मंत्री के पद का निर्वाह करने वाले राजनेता बाबू जगजीवन राम जी की 113वीं जयंती धनबाद जिले के भूली में मनायी गयी, लेकिन उनके त्याग और बलिदान का ख्याल न रखते हुए कांग्रेसी नेताओं और बाबू जगजीवन राम समिति के सदस्यों ने रात्रि में व्यास द्वारा चैता गीत और लौंडा नाच कराकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. कई नेता भी लौंडा नाच के दौरान थिरकते नजर आए. आसपास के लोगों ने इस तरह के कार्यक्रम पर काफ़ी आपत्ति जताई और कहा कि इनलोगों ने बाबू जगजीवन राम का उपहास किया है.
आपको बता दें कि धनबाद के श्रमिकों की सबसे बड़ी नगरी भूली, जिसे श्रम मंत्री रहे बाबू जगजीवन राम ने बसाया था. उस बाबू जगजीवन राम की 113वीं जयंती भूली जगजीवन राम समिति और कांग्रेसी नेताओं ने काफी धूमधाम से मनाया. पहले बाबू जगजीवन राम के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया, जहां भूली के गणमान्य लोग शामिल हुए और बाबू जगजीवन राम की जयंती के अवसर पर लौंडा नाच का आयोजन समिति द्वारा किया गया था.
बाबू जगजीवन राम समिति के अध्यक्ष नीलू कांत सिन्हा ने बताया कि समिति के सदस्य और अतिथिगण कार्यक्रम के धन्यवाद ज्ञापन के बाद चले आए थे. बाद में लोगों ने चैता और लौंडा डांस का निर्णय लिया होगा. वैसे भी वीर कुंवर सिंह जयंती पर कार्ड छपवाकर चैता का प्रोग्राम किया जाता है और हाल में ही विद्यापति भवन में इस तरह का कार्यक्रम हुआ था.
Posted By : Guru Swarup Mishra