कोलकाताः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से दिल्ली में मुलाकात से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. बाबुल सुप्रियो ने ट्विटर पर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और मुकुल रॉय को फॉलो किया, तो उनके टीएमसी में शामिल होने के कयास लगाये जाने लगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट से बेमन से इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पेज पर अपनी भावनाओं का इजहार किया था. बॉलीवुड के गायक से नेता बने भारतीय जनता पार्टी के इस नेता ने शिकायती लहजे में कहा था कि जिस तरह से उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा गया, वह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा था कि इस्तीफा देने का निर्देश मिला, तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
बाबुल सुप्रियो से इस्तीफा लिये जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी गुस्से का इजहार किया था. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथ लिया था. ममता ने कहा था कि आज बाबुल सुप्रियो और देबश्री चौधरी बुरे हो गये. पीएम मोदी ने कैबिनेट में फेरबदल किया था, तो देबश्री चौधरी से भी इस्तीफा लिया गया था.
केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के कुछ ही दिनों बाद बाबुल सुप्रियो ने पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस में वापसी करने वाले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय को भी ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया है. इसके बाद से चर्चा का बाजार गर्म है कि कहीं बाबुल सुप्रियो भी तृणमूल की ओर तो नहीं जा रहे.
ज्ञात हो कि बाबुल सुप्रियो तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के घोर आलोचक रहे हैं. लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक उन पर और उनके समर्थकों पर बंगाल में हमले हुए. ममता बनर्जी के शासन के खिलाफ वह लगातार बयान देते रहे हैं. विधानसभा चुनाव में जब आसनसोल के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी भाजपा में शामिल हो रहे थे, तो बाबुल ने अन्य नेताओं के साथ मिलकर इसका विरोध किया.
जितेंद्र तिवारी को भाजपा में शामिल करने के फैसले का विरोध करने वाले नेताओं को केंद्रीय नेतृत्व ने जमकर फटकार लगायी थी. इसके बाद ही भाजपा ने बाबुल सुप्रियो समेत कई सांसदों को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार दिया था. टालीगंज से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले बाबुल सुप्रियो अपनी सीट नहीं बचा पाये थे. वह तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार से बड़े अंतर से हार गये थे.
Posted By: Mithilesh Jha