साहिबगंज में बाबूलाल मरांडी ने रक्तदान शिविर का किया उद्घाटन, सरकार पर साधा निशाना

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी एक दिवसीय दौरे पर साहिबगंज पहुंचे. जहां उन्होंने सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर सदर अस्पताल में सेवा पखवाड़ा के तहत भाजयुमो द्वारा लगाए गया रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया. इसके साथ ही हेमंत सरकार जमकर निशाना साधा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2022 11:37 AM
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Sahibganj News: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर साहिबगंज पहुंचे. जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने पहले फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया. पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर सदर अस्पताल में सेवा पखवाड़ा के तहत भाजयुमो द्वारा लगाए गया रक्तदान शिविर का विधिवत उद्घाटन किया. वहीं, रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाया और सदर अस्पताल में मरीजों को फल वितरण किया. इसके साथ ही हेमंत सरकार जमकर निशाना साधा है.

कार्यक्रम में बाबूलाल मरांडी ने की शिरकत

पीएम मोदी के जन्मदिन के अवसर पर गायत्री परिवार द्वारा सदर अस्पताल परिसर में आयोजित औषधीय पौधारोपण कार्यक्रम में शिरकत करके पौधा लगाया गया. वही स्वामी विवेकानंद चौक पर स्वामी विवेकानंद व बाबा साहब डॉ भीमराम अंबेडकर के आदमकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करके पीएम मोदी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इस दौरान प्रदर्शनी को लेकर तारीफ की. जिसके बाद बाबूलाल मरांडी विधायक कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मिले. वहीं, राजमहल विधायक सहित अन्य ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया.

हेमंत सोरेन को आदिवासियों के हक व अधिकार से कोई लेना-देना नहीं

बाबूलाल मरांडी ने प्रेस को बताया कि हेमंत सोरेन को झारखंड के आदिवासी-मूलवासियों के हक व अधिकार से कोई लेना-देना नहीं है, अपने राजनीतिक लाभ के लिए बिना किसी पूर्व अध्ययन व तैयारी के ही 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति को कैबिनेट में पारित कर दिया. हेमंत सोरेन को यह बात अच्छी तरह से पता है कि पहले भी यह मामला कोर्ट जा चुका है, कोर्ट इस मामले पर आपत्ति जता चुका है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मै 2001 में बतौर सीएम अलग से कोई स्थानीय नीति लागू नहीं किया था. 1982 में अविभाजित बिहार में बने स्थानीय नीति को ही उनकी सरकार ने झारखंड के परिप्रेक्ष्य में सिर्फ अंगिकार किया था. स्थानीयता संबंधित पूर्व में जारी अधिसूचना में सिर्फ बिहार के स्थान पर झारखंड और पटना के स्थान पर रांची किया गया था. लेकिन विरोधियों ने इस तथ्य को छुपाकर इस मसले पर दुष्प्रचार करने का काम किया. उनके समय में बनाई गई स्थानीय नीति में साफ उल्लेख था कि तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरी में अगर दो अभ्यर्थी समान योग्यता वाले सामने आते हैं तो उसमें स्थानीय को ही प्राथमिकता मिलेगी.

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दिखावे के लिए हेमंत सोरेन ने लागू की 1932 खतियान : बाबूलाल मरांडी

वहीं, बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री सदन में बयान दिए थे कि 1932 के खतियान को लागू नहीं किया जा सकता है, कोर्ट से यह मामला खारिज हो चुका है. बड़ा सवाल है कि आखिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि हेमंत सोरेन ने आनन-फानन में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति को कैबिनेट की बैठक बुलाकर पास कर दिया. उनकी सदस्यता जाने वाली है इसलिए हेमंत सोरेन को यह बात अच्छी तरह से पता है कि उनकी सरकार बहुत दिनों तक चलने वाली नहीं है. इसलिए दिखावे के लिए उन्होंने बिना किसी तैयारी के यह कदम उठाया है. इसका प्रमाण इसबात से भी मिल जाता है कि स्थानीय नीति को कैबिनेट से पास करने के बाद राजेश ठाकुर सरीखे नेता खुशी से झूम रहे थे, जिनको इस नीति से कोई लाभ मिलने वाला नहीं है.

जल्द से जल्द लागू किया जाए एनआरसी

पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संताल क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठिए काफी संख्या में है. केंद्र सरकार से मांग है कि इस क्षेत्र के लिए जल्द से जल्द एनआरसी लागू किया जाए. हेमंत सरकार में संताल क्षेत्र खासकर साहिबगंज जिला में बड़े पैमाने पर अवैध पत्थर उत्खनन का कार्य हुआ है. इसपर एनजीटी को दखल देना पड़ा, अवैध खनन से आए करोड़ों रुपए किनके जेब में गया, यह किसी से छुपा नहीं है. पर्यावरण की रक्षा के लिए राजमहल पहाड़ी को बचाने की जरूरत है. वही बाबूलाल तीनपहाड़ सहित अन्य जगह कार्यक्रम में शरीक हुए.

कई लोग थे मौजूद

मौके पर राजमहल विधायक अनंत ओझा, सीएस रामदेव पासवान, वरीय नेता गणेश प्रसाद तिवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष रामदरश यादव, धर्मेंद्र कुमार, भाजयुमो जिलाध्यक्ष अनिमेष सिन्हा, सुनील सिंह, संजीव पासवान, नप उपाध्यक्ष रामानंद साह, पंकज चौधरी, सैला दयाल, सागर मंडल, पुरुषोत्तम पाठक, प्रो कमल महावार, डॉ मोहन पासवान, डॉ अलीमुद्दीन, एलटी मो अजहर, सहित अन्य थे.

रिपोर्ट – नवीन कुमार, साहिबगंज

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