झारखंड : हजारीबाग के करीब 1800 सरकारी स्कूलों में 16 जून से शुरू हो रही बैक टू स्कूल कैंपेन

हजारीबाग जिले के करीब 1800 सरकारी स्कूलों में बैक टू स्कूल कैंपेन शुरू हो रही है. 16 जनू से शुरू हो रही इस कैंपेन में स्कूल से दूर रहे एवं ड्रापआउट छह से 18 आयु वर्ग के बच्चों को शिक्षित बनाना उद्देश्य है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2023 10:01 PM

हजारीबाग, आरिफ : हजारीबाग जिले के लगभग 1800 सरकारी स्कूलों में 16 जून से बैक टू स्कूल कैंपेन (स्कूल रूआर 2023) कार्यक्रम चलेगा. इसमें बच्चों के नामांकन एवं ठहराव पर शिक्षा अधिकारी एवं कर्मचारी काम करेंगे. स्कूल से दूर रहने वाले एवं ड्रॉपआउट छह से 18 आयु वर्ग के बच्चों को जोड़ा जायेगा. स्कूल से जुड़ने के बाद सभी बच्चों को शिक्षित बनाना है. यह कार्यक्रम एक महीने तक चलेगा. इसका समापन 15 जुलाई को किया जायेगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार का पत्र मिलते ही हजारीबाग के शिक्षा अधिकारी कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने में जुटे हैं.

207 बच्चे ड्रॉपआउट

पहले के एक सर्वे में हजारीबाग जिले भर में 207 बच्चे ड्रॉप आउट मिले हैं. प्रारंभिक स्कूल में छह से 14 एवं उच्चतर स्कूल में 14 से 18 आयु वर्ग के बच्चों की पहचान की गई है. बैक टू स्कूल कैंपेन कार्यक्रम के तहत इन सभी बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर स्कूल से जोड़ने की योजना बनाई गई है.

जनप्रतिनिधियों की भागीदारी

बैक टू स्कूल कैंपेन को सफल बनाने में गांव एवं पंचायतों के वार्ड सदस्य, मुखिया, उप मुखिया पंचायत समिति सदस्य, प्रमुख, उप प्रमुख के अलावा सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि को भागीदार बनाया गया है. विद्यालय प्रबंधन समिति को कई कार्य सौंपे गये हैं. सभी जनप्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्र, गांव, पंचायत, मोहल्ला एवं कस्बे में स्कूल से दूर रहने वाले बच्चों के माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी मिली है.

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स्कूल से दूर रहने वाले बच्चों को शिक्षित बनाना उद्देश्य : डीईओ

इस संबंध में डीईओ उपेंद्र नारायण ने बताया कि स्कूल से दूर रहे एवं ड्रापआउट छह से 18 आयु वर्ग के बच्चों को शिक्षित बनाना कार्यक्रम का उद्देश्य है. स्कूल से दूर रहने वाले बच्चों की पहचान होगी. सभी को अध्यापन कार्य से जोड़ा जायेगा. स्कूल रूआर कार्यक्रम सभी स्कूल एवं इसके पोषक क्षेत्र के स्तर पर चलेगा. अभिभावकों को उनके बच्चों को शिक्षा के प्रति जोड़ने के लिए उन्हें प्रेरित किया जायेगा. इसके लिए सभी बीईईओ, बीपीओ, बीआरपी, सीआरपी, शिक्षक एवं झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है.

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