बाघमारा विधायक ढुलू महतो ने किया सरेंडर, भेजे गये जेल, जानें पूरा मामला
एक माह की अवधि 10 जनवरी को पूरी होनी थी, लिहाजा ढुलू ने सरेंडर कर दिया. बार काउंसिल के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से अलग रखा है. इसके बावजूद विधायक श्री महतो ने अपने अधिवक्ता के बिना ही खुद अदालत में पहुंचकर आत्मसमर्पण कि
बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो ने सोमवार को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में सरेंडर कर दिया. अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. वे वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस हिरासत से छुड़ाने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में नामजद आरोपी हैं. विधायक ढुलू सोमवार दोपहर 12:00 बजे धनबाद अदालत पहुंचे. झारखंड हाइकोर्ट ने ढुलू महतो की क्रिमिनल रिवीजन याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें एक माह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया था.
एक माह की अवधि 10 जनवरी को पूरी होनी थी, लिहाजा ढुलू ने सरेंडर कर दिया. बार काउंसिल के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से अलग रखा है. इसके बावजूद विधायक श्री महतो ने अपने अधिवक्ता के बिना ही खुद अदालत में पहुंचकर आत्मसमर्पण किया. धनबाद के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने नौ अक्तूबर 2019 को विधायक ढुलू समेत कांड के नामजद पांच आरोपियों को वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिए जाने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में डेढ़-डेढ वर्ष की साधारण कारावास और 9000 रुपये जुर्माना से दंडित किया था.
सजा पाये लोगों ने चार नवंबर 2019 को सेशन कोर्ट में चार अपील याचिका दायर कर सजा के आदेश को चुनौती दी थी. जिला व सत्र न्यायाधीश अखिलेश की अदालत ने विधायक समेत अन्य की अपील अर्जी को 24 अगस्त 2022 को खारिज कर सजा बहाल रखी थी. इसे विधायक ढुलू महतो समेत अन्य ने झारखंड हाइकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन याचिका दायर कर चुनौती दी थी, लेकिन रिवीजन याचिका दायर करने से पहले विधायक ने निचली अदालत में सरेंडर नहीं किया था. लिहाजा हाइकोर्ट ने उन्हें पहले सरेंडर करने का आदेश दिया था.
अप्रैल 2013 की है घटना :
एमिड कोल इंटरप्राइजेज के मुंशी गौरी शंकर सिंह की शिकायत पर पुलिस ने ढुलू के समर्थक राजेश गुप्ता सहित तीन-चार अन्य के विरुद्ध रंगदारी का मुकदमा दर्ज किया था.