बागपत: निराश्रित महिला पेंशन योजना का लाभ लेने के बाद कर ली दूसरी शादियां, जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
यूपी के बागपत में निराश्रित महिला पेंशन योजना को लेकर चौंकाने वाला सच सामने आया है. जिसको देखते हुए यहां के जिम्मेदार अधिकारियों ने मामले में गंभीरता से कार्रवाई शुरू करा दी है.
UP News: यूपी के बागपत में निराश्रित महिला पेंशन योजना को लेकर चौंकाने वाला सच सामने आया है. जिसको देखते हुए यहां के जिम्मेदार अधिकारियों ने मामले में गंभीरता से कार्रवाई शुरू करा दी है. बड़ौत की रहने वाली राजेंद्री के पति की डेढ़ साल पहले मौत हो गई थी. उसने परिवार का गुजारा करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया तो उसे प्रतिमाह एक हजार रुपये पेंशन मिलने लगी. उसने आठ महीने पहले दूसरी शादी कर ली. इसके बाद भी वह खुद को विधवा बताकर पेंशन लेती रही.
इस तरह अकेली राजेंद्री ही नहीं है, जो इस तरह से पेंशन ले रही थी. बल्कि इस तरह की 71 महिलाएं मिली हैं, जो अपात्र होते हुए भी पेंशन योजना का लाभ ले रही थीं. यहां निराश्रित महिला पेंशन योजना की 13,263 लाभार्थियों की जांच कराने के बाद इसका पता चला है. इनमें करीब 71 महिलाएं ऐसी मिली हैं, जो दूसरी शादी करने के बाद भी पेंशन ले रही थीं. वहीं करीब 50 महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने जिस जगह पर रहते हुए पेंशन बनवाई थी. वह अब वहां से चली गई हैं, वह सत्यापन में नहीं मिल रही हैं.
पेंशन से नहीं हुआ गुजारा तो कर ली शादी
बागपत के पुराने कस्बे में रहने वाली गुलफशा कहती हैं कि पति की मौत के बाद दो बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी थी. एक हजार रुपये में कैसे गुजारा होता, क्योंकि पति ही काम करके परिवार चलाते थे. परिवार वालों ने शादी के लिए कहा तो मैंने शादी कर ली. अब बच्चों की परवरिश ठीक से हो जाएगी. पेंशन बंद कराने के बारे में मुझे पता ही नहीं था.
475 विधवा महिलाओं को नया लाभार्थी बनाया- जिला प्रोबेशन अधिकारी
वही, जिला प्रोबेशन अधिकारी तूलिका शर्मा ने बताया कि पति की मौत के बाद 475 विधवा महिलाओं ने निराश्रित महिला पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था. उन सभी के कागजों की जांच कराने के बाद योजना का लाभ देते हुए पेंशन शुरू कर दी गई है. निराश्रित महिला योजना के लाभार्थियों की जांच कराने पर कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें पहले पति की मौत होने पर महिला ने दूसरी शादी कर ली. इसके अलावा कई ऐसी भी महिलाएं मिली हैं. उन्होंने जिस जगह से पेंशन बनवाई थी, अब वहां नहीं रहती हैं. इन सभी की पेंशन बंद कर दी गई.
जिले में मरने के बाद भी पेंशन के लाभार्थियों की कागजों में चल रही सांस
वहीं जिले में कई महीने पहले मर चुके लोगों की पेंशन के लिए कागजों में अभी तक सांस चल रही हैं. पेंशन के लाभार्थियों की जांच कराने पर यह पूरा मामला सामने आया है. ऐसे 1298 लाभार्थी हैं, जिनकी मौत के बाद भी परिजनों ने पेंशन बंद नहीं कराई है. इन सभी के परिजनों से रिकवरी की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए नोटिस जारी किया जाएगा.
बता दें कि जिले में वृद्धावस्था पेंशन के 25 हजार 563 लाभार्थी है, जिनमें जांच में 805 मृतक मिले है. 13 हजार 263 विधवा महिलाओं को निराश्रित महिला पेंशन का लाभ मिल रहा है, जिनमें 369 मृतक मिली है. इनके अलावा पांच हजार 665 दिव्यांगों की पेंशन जारी हो रही है और इनमें से 124 मृतक मिले है. इन सभी को एक हजार रुपये प्रति माह पेंशन के रूप में मिलते हैं.
अगर किसी की साल के बीच में मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को उसकी सूचना संबंधित विभाग को देनी पड़ती है. जिससे उसकी पेंशन बंद कराई जा सके. लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ और जिनकी कई महीने पहले भी मौत हो चुकी है. उनकी पेंशन भी जारी होती रही और उनके परिजनों ने पेंशन बंद कराने के लिए कोई सूचना नहीं दी.
रिकवरी के लिए नोटिस जारी होगा
जिन बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगों की मौत होने के बाद भी पेंशन जारी हो रही थी. उनके परिजनों को विभागों से नोटिस जारी किया जाएगा, जिससे उनसे पेंशन की राशि की रिकवरी हो सके. उससे पहले दोबारा जांच शुरू कराई गई है, जिससे किसी पात्र का नाम लाभार्थियों की सूची से न कट जाए. वहीं कोई पैसा नहीं लौटाता है, तो उसपर अन्य कार्रवाई होगी.
वहीं, सीडीओ एमएल व्यास ने कहा कि पेंशन योजना के जिन लाभार्थियों की मौत हो चुकी है और उसके बाद भी उनकी पेंशन जारी हो रही है. उन सभी के जांच में नाम व अन्य जानकारी मिल गई है. इसके बाद भी सभी बीडीओ से दोबारा जांच कराकर मौत की सही तिथि का पता करने के निर्देश दिए गए है. जिससे उसी तिथि से पेंशन की रिकवरी कराई जा सके.