Baglamukhi Jayanti 2023: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 9 मई, सोमवार को मां बगलामुखी की जयंती है. बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महावविद्या हैं. उन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं। ये स्तम्भन की देवी है. इस साल यह तिथि 28 अप्रैल 2023 को पड़ रही है को 10 महाविद्याओं में एक माना जाता है. इनकी आराधना से शत्रुओं पर विजय मिलती है और हर सकंट दूर होता है. मां बगलामुखी जयंती पर इन मंत्रों के जाप से लाभ मिलता है
बगलामुखी को अग्नि पुराण में सिद्ध विद्या कह कर संबोधित किया गया है.
काली तारा महाविद्या षोडशी भुवनेश्वरी।
भैरवी सिद्ध विद्याच मातंगी कमल डडत्मिका॥
एतादश महाविद्या: सिद्ध विद्या: प्रर्कीतता:।
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इनकी पूजा तंत्र की पूजा है अतः बिना किसी गुरु के निर्देशन के नही करनी चाहिए
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इनकी पूजा कभी भी किसी के नाश के लिये न करें
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इनकी पूजा में व्यक्ति को पीले आसन, पीले वस्त्र, पीले फल और पीले नैवैद्य का प्रयोग करना चाहिए
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इनके मन्त्र जाप के लिये हल्दी की माला का प्रयोग करें
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पूजा का उपयुक्त समय है सँध्याकाल या मध्यरात्रि
जीवन में चल रही बड़ी से बड़ी बाधा को नष्ट करने के लिए मां बगलामुखी को पीले वस्त्र पहना कर पीले रंग के आसन पर सुसज्जित करें. पीली हल्दी के ढेर पर दीप-दान करें। अब हल्दी या पीले कांच की माला से इन मंत्रों का जाप करें.
‘ऊँ ह्नीं बगुलामुखी देव्यै ह्नीं ओम नम:
‘ह्मीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलम बुद्धिं विनाशय ह्मीं ॐ स्वाहा
जादू टोने से मुक्ति पाने के लिए बगलामुखी साधना अमोघ विद्या है. इनका चिन्तन-मनन करने से मनुष्य को कोई भय नहीं रहता। अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है.