Baglamukhi Jayanti 2023: हिंदू कैलेंडर 2023 के अनुसार, बगलामुखी जयंती का अवसर वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष के 8 वें दिन (अष्टमी तिथि) को मनाया जाता है. इस साल बगलामुखी जयंती 28 अप्रैल को मनार्ई जाएगी. कहते हैं मां की उपासना करने से मुकदमों में फंसे लोग, जमीनी विवाद, शत्रुनाश आदि संपूर्ण मनोरथों की प्राप्ति होती है. वहीं जीवन से हर प्रकार की बाधा से भी मुक्ति मिल जाती है.
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इस दिन 11:58 AM से 12:49 PM, मां बगलामुखी के पूजा का विधान है.
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इसके अलावा सुबह 03:57 AM से 04:41 AM का समय उत्तम है.
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इस दिन पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र रहेगा, साथ ही सूर्य मेष राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में रहेगा.
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इस दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ पीले कपड़े पहनकर पूर्व दिशा में मां बगला मुखी की पूजा करने का विधान है.
मां बगलामुखी की साधना में पीले रंग का बहुत ज्यादा महत्व है. ऐसे में मां बगलामुखी की पूजा करते समय साधक को स्नान-ध्यान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए और उनकी पूजा भी पीले रंग के आसन पर बैठकर करना चाहिए. मां बगलामुखी के चित्र या मूर्ति को पीले रंग के कपड़े में रखकर पीले पुष्प और पीले फल आदि से पूजा करना चाहिए. माता को हल्दी का तिलक लगाना चाहिए और यदि संभव हो तो माता को खड़ी हल्दी की माला भी अर्पित करें. माता बगलामुखी की पूजा करने वाले साधक का आहार-विहार और व्यवहार भी सात्विक रहना चाहिए. मान्यता है कि पवित्र मन और श्रद्धा के साथ मां बगलामुखी की इस विधि से पूजा करने पर साधक की शीघ्र ही मनोकामना पूरी होती है.
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भक्त सबसे पहले सुबह पवित्र स्नान करते हैं और फिर पीले रंग के कपड़े पहनते हैं.
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बगलामुखी जयंती के दिन बगलामुखी माता की पूजा करने के लिए, भक्त वेदी पर मूर्ति या देवता की मूरत रखते हैं.
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इसके बाद, वे अनुष्ठानों के साथ शुरुआत करने के लिए अगरबत्तियां और एक दीया जलाते हैं.
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भक्त फूल, नारियल और माला के साथ देवता को तैयार किया हुआ पवित्र भोजन (प्रसाद) अर्पित करते हैं .
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देवी बगलामुखी की आरती की जाती है और देवता को जगाने के लिए पवित्र मंत्रों का जाप किया जाता है.
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आमंत्रितों और परिवार के सदस्यों के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है.
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भक्तगण देवता का दिव्य आशीर्वाद लेने के लिए बगलामुखी जयंती के दिन दान और पुण्य के कई कार्य करते हैं.