Baisakhi 2022 Date : बैसाखी (Baisakhi 2022) सौर मास का प्रथम दिन होता है. इस दिन गंगा स्नान करना बहुत ही फलदायी माना जाता है. बैसाखी (Vaisakhi 2022) के दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है. इसलिए इसे मेष संक्रांति भी कहते हैं. ये त्योहार इस साल 14 अप्रैल 2022 को मनाया जाएगा. हिंदुओं और सिखों के लिए ये त्योहार खास होता है.
पंचांग के अनुसार, बैसाखी (Baisakhi 2022) के दिन आकाश में विशाखा नक्षत्र होता है. पूर्णिमा में विशाखा नक्षत्र होने के कारण ही इस माह को बैसाखी कहते हैं. अन्य शब्दों में कहें तो, वैशाख महीने के प्रथम दिन को बैसाखी कहा जाता है. बैसाखी से पंजाबी नववर्ष का आरंभ होता है. बंगाल में इसे पोइला बैसाख के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा तमिल में इसे पुत्थांडु और बिहार में जुर्शीतल के नाम से जाना जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, बैसाखी को हर साल 13 अप्रैल या 14 अप्रैल के दिन मनाया जाता है. इस बार बैसाखी 14 अप्रैल को पड़ रही है.
ये पर्व तारों-सितारों की चाल को लेकर महत्वपूर्ण है. इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं. इस दिन से हिंदू नववर्ष का आरंभ होता है.
पंजाब में बैसाखी(Baisakhi 2022), बंगाल में नया साल, असम में बिहू(Bihu 2022), केरल में ये पर्व विशु (Vishu 2022) कहलाता है. हिंदू भी इस दिन को काफी महत्वपूर्ण मानते हैं. मान्यता है कि हजारों सालों पहले गंगा इसी दिन धरती पर अवतरित हुईं थीं.
बैसाखी पर्व (Baisakhi 2022) के दिन किसान प्रचुर मात्रा में उपजी फसल के लिए भगवान का धन्यवाद करते हैं और अपनी समृद्धि की प्रार्थना करते हैं. सिख धर्म में श्री गुरु गोबिन्द सिंह (Guru Gobind Singh) जी द्वारा बनाए गए खालसा पंथ की शुरुआत भी इसी दिन से ही हुई थी. इस दिन सिख धर्म के लोग गुरुद्वारों को सजाते हैं और जुलूस निकालते हैं.