सिर की चोट के लिए ‘कठोर टेप’ के इस्तेमाल पर झलका बजरंग पूनिया का दर्द, बोले- इससे मेरा ध्यान भटका
बजरंग पूनिया विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में सिर की चोट के लिए चिकित्सकों के द्वार इस्तेमाल किये गये ‘कठोर टेप' से नाराज है. बजरंग ने गुरुवार को कहा कि इस टेप के इस्तेमाल के बाद उन्हें अपने मुकाबले पर ध्यान बनाये रखने में परेशानी हुई.
ओलंपिक पदक विजेता भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में अमेरिका के जॉन माइकल दियाकोमिहालिस के खिलाफ मुकाबले के दौरान सिर की चोट के लिए चिकित्सकों के द्वार इस्तेमाल किये गये ‘कठोर टेप’ से नाराज है. बजरंग ने गुरुवार को कहा कि इस टेप के इस्तेमाल के बाद उन्हें अपने मुकाबले पर ध्यान बनाये रखने में परेशानी हुई.
विश्व कप में अपना पहला खिताब जीतने की कोशिश में लगे बजरंग पूनिया को बेलग्रेड में अपने शुरुआती मुकाबले के पहले ही मिनट में क्यूबा के एलेजांद्रो एनरिक व्लादेस टोबियर के खिलाफ सिर में चोट के कारण खून निकलने लगा था. वहां मौजूद चिकित्सकों ने उनकी चोट के ऊपर ‘कठोर टेप’ लगाया था, जिसका उपयोग वास्तव में घुटने और टखने को स्थिर करने के लिए किया जाता है.
आमतौर पर टेनिस और बास्केटबॉल खिलाड़ी ऐसे टेप का इस्तेमाल करते हैं. बजरंग ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये इंटरव्यू में कहा, ‘भगवान जाने उन्होंने ऐसा क्यों किया? मुझे इससे काफी परेशानी हुई हुई क्योंकि टेप में मेरे सिर के बाल फंस गये थे. उन्होंने जख्म पर रूई का इस्तेमाल किये बिना टेप चिपका दिया. टेप हटाने के लिए मुझे एक स्थान से अपने बालों को काटना पड़ा. इसे हटाने में 20 मिनट से अधिक का समय लग गया.’
उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी पहलवान के खिलाफ रणनीति बनाने की जगह मैं और मेरी टीम टेप से निजात पाने में व्यस्त रहे. दो मुकाबलों के बीच मेरे पास 20-25 मिनट का समय था और यह सारा समय टेप हटाने में निकल गया.’ बजरंग से उनके व्यक्तिगत फिजियो डॉ. आनंद दुबे ने कहा कि आदर्श रूप से डॉक्टरों को हलका चिपकने वाला टेप इस्तेमाल करना चाहिए था. कठोर टेप के कारण सिर में सूजन आ जाती है. इससे व्यक्ति के सिर में दर्द भी रहता है.
Also Read: IND vs AUS T20 Series: रोहित शर्मा की कप्तानी पर सौरव गांगुली ने दिया बड़ा बयान, बोले- चिंता की बात नहींबजरंग अमेरिका के खिलाड़ी से तकनीकी श्रेष्ठता से हारकर स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गए. उन्होंने हालांकि बाद में रेपचेज दौर के जरिए कांस्य पदक जीता. चार विश्व पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय पहलवान बजरंग ने कहा कि दियाकोमिहालिस से तकनीकी श्रेष्ठता से हारने की उन्हें उम्मीद नहीं थी.
उन्होंने कहा, ‘मैं 2019 में इस पहलवान से 10-9 से हार गया था. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैं उसे आसानी से हरा देता, लेकिन मैं कम से कम एक करीबी मुकाबले की उम्मीद कर रहा था. पहले, सिर में चोट और फिर इस टेप के मुद्दे ने वास्तव में मुझे परेशान किया.’ बजरंग ने रेपेचेज दौर में आर्मेनिया के वाजेन तेवानयान को 7-6 से हराकर कांस्य प्ले-ऑफ में प्यूर्टो रिको के सेबेस्टियन सी रिवेरा को 11-9 से मात दी. (भाषा इनपुट)