Ration Scam Case : आखिर कौन है बकीबुर रहमान ? जिसकी ईडी ने 100 करोड़ की संपत्ति की जब्त
साढ़े 53 घंटे की तलाशी के बाद ईडी के अधिकारी उनके फ्लैट से बाहर निकले. बाद में बाकिबुर से 11 घंटे तक पूछताछ की गई थी. अंत में मंत्री के करीबी माने जाने वाले इस कारोबारी को केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया.
राशन ‘भ्रष्टाचार’ मामले में मंत्री के करीबी बकीबुर रहमान की अकूत संपत्ति का ठिकाने का पता चल गया है. ऐसा ईडी सूत्रों का दावा है. बकीबुर मामले की जांच के बाद केंद्रीय एजेंसी को कम से कम 100 करोड़ की संपत्ति का पता चला है. इसमें कई फ्लैट, होटल, बार और चावल मिलें शामिल हैं. यह संपत्ति बाकिबुर और उनके रिश्तेदारों और परिचितों के नाम पर है. ईडी सूत्रों के मुताबिक, बाकिबुर का पार्क स्ट्रीट, न्यू टाउन-राजरहाट इलाके में एक फ्लैट है. इसके अलावा कई अन्य जगहों पर कुल आठ से नौ फ्लैट मिले हैं. बाकिबुर के पास विभिन्न कंपनियों में शेयर हैं. ईडी अधिकारियों को ऐसी छह कंपनियों के बारे में पता चला है. केंद्रीय संगठन के सूत्रों के मुताबिक उन छह कंपनियों में बकीबुर की हिस्सेदारी साढ़े 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
बकीबुर ने पत्नी के बैंक खातों से करोड़ों रुपये का किया था लेन-देन
बकिबुर की होटल और बार के अलावा एक अस्पताल बनाने की भी योजना थी. कुल मिलाकर मामले की जांच के दौरान 90 से अधिक संपत्तियां वर्तमान में ईडी की जांच के दायरे में हैं. ये भ्रष्टाचार के पैसे से बने हैं या नहीं, इनका भ्रष्टाचार से कोई संबंध है या नहीं इसकी जांच की जा रही है. इससे पहले खबर आई थी कि बकीबुर ने साले और पत्नी के बैंक खातों का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपये का लेन-देन किया है. साले अभिषेक विश्वास और बकिबुर की पत्नी दोनों ने ईडी की पूछताछ में यही बताया है.
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बकीबुर पर आखिर क्या लगा था आराेप
बकीबुर पर आरोप लगाया गया था कि वह राशन के लिए आवंटित खाद्य सामग्री को निकालकर खुले बाजार में बेच देता था. उनके कैखाली फ्लैट में 100 से अधिक सरकारी कार्यालय की मुहरें (टिकटें) मिलीं. साढ़े 53 घंटे की तलाशी के बाद ईडी के अधिकारी उनके फ्लैट से बाहर निकले. बाद में बाकिबुर से 11 घंटे तक पूछताछ की गई थी. अंत में मंत्री के करीबी माने जाने वाले इस कारोबारी को केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने अदालत को बताया कि बकीबुर अक्सर दुबई आता रहता था. ईडी ने उसकी राशन मिल से एक ‘रजिस्ट्रार बुक’ बरामद की है. ईडी का दावा है कि राशन की खाद्य सामग्री को हटाने के लिए कई खाते लिखे गए हैं. ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया कि कितना सामान भेजा गया, किस वितरक या डीलर को कितना राशन सामान मिला, इसका हिसाब-किताब उस खाते में है. कईयों के हस्ताक्षर भी हैं.
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